क्या होता है अल्ट्राएज? रोहित शर्मा को आउट देने के बाद इस पर शुरू हुआ विवाद

सोमवार को मुंबई और कोलकाता के बीच खेले गए मुकाबले में थर्ड अंपायर द्वारा रोहित शर्मा को आउट दिए जाने के बाद विवाद शुरू हो गया. यहां हम आपको अल्ट्राएज तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं.



 

 

IPL 2022 में सोमवार को खेले गए मुकाबले में थर्ड अंपायर का एक फैसला सवालों के घेरे में आ गया है. मुंबई और कोलकाता के बीच हुए मैच में रोहित शर्मा जिस तरह से आउट दिए गए, उससे न तो वह सहमत दिखे, न मुंबई के खिलाड़ी और न ही रोहित के फैन. दरअसल 166 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही मुंबई  ने अपनी पारी के पहले ही ओवर में कप्तान रोहित शर्मा का विकेट खो दिया. मैदानी अंपायर ने तो रोहित का नॉट आउट दिया था लेकिन KKR के रिव्यू पर थर्ड अंपायर ने रोहित को आउट करार दिया. थर्ड अंपायर के इस फैसले पर सवाल इसलिए उठे क्योंकि रिव्यू में भी रोहित आउट होते नजर नहीं आ रहे थे.

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KKR की ओर से पहला ओवर टिम साउदी ने किया. ओवर की आखिरी गेंद रोहित के बल्ले के पास से गुजरती हुई थाई पैड पर लगी और फिर विकेटकीपर शेल्डन जैक्सन के हाथ में गई. KKR के खिलाड़ियों ने अपील की लेकिन अंपायर ने इसे नकार दिया. इस पर KKR के कप्तान श्रेयस अय्यर ने रिव्यू लिया. रिव्यू में गेंद बल्ले को छूती हुई नजर नहीं आ रही थी लेकिन अल्ट्रा एज में गेंद के बल्ले से गुजरने के दौरान स्पाइक देखा गया और इसे देखकर थर्ड अंपायर ने रोहित को आउट दे दिया. हालांकि अल्ट्रा एज में यह भी साफ नजर आ रहा था कि गेंद के बल्ले के पास गुजरने से पहले ही स्पाइक नजर आ रहे थे. ऐसे में यह एक तकनीकी खराबी हो सकती थी. लेकिन थर्ड अंपायर ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और रोहित को आउट करार दे दिया.

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क्या होता है अल्ट्राएज
सबसे पहले अल्ट्राएज और वीडियो फुटेज के जरिए यह देखा जाता है कि गेंद बल्ले पर लगी है या नहीं. अल्ट्राएज तकनीक स्टंप माइक के जरिए आवाज सुनती है और एकदम हल्की आवाज भी पकड़ लेती है. ऐसे में बल्ले का महीन किनारा लगने पर भी इस तकनीक के जरिए आउट या नॉटआउट का फैसला हो जाता है. कैच आउट के लिए या यह पता करने के लिए कि गेंद बल्ले से लगी है या नहीं, इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.

 

क्या होती है हॉट-स्पॉट तकनीक
इस तकनीक को हम कुछ एक्स-रे जैसा कह सकते हैं. गेंद जहां पर टकराती है वहां पर सफेद निशान नजर आता है. गेंद अगर बल्ले का किनारा लेकर गई है तो इसको देखने के लिए अंपायर इस तकनीक का प्रयोग करता है. गेंद अगर बल्ले पर टकराती है या फिर जहां भी टकराती है वहां पर सफेद रंग का गोला नजर आ जाता है. हालांकि यह काफी महंगी है और अधिकतर मैदानों पर यह सुविधा नहीं है.

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