नई दिल्ली. भारत का इंग्लैंड में 15 साल बाद टेस्ट सीरीज जीतने का ख्वाब पूरा नहीं हो पाया. इंग्लैंड ने एजबेस्टन में खेले जा रहे रीशेड्यूल टेस्ट मैच में भारत को हराते हुए 5 टेस्ट की सीरीज 2-2 से बराबर कर ली. मैच के पांचवें और आखिरी दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 119 रन की दरकार थी और भारत को 7 विकेट चाहिए थे. लेकिन, जो रूट और जॉनी बेयरस्टो की जोड़ी ने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
इन दोनों ने चौथे दिन ही इंग्लैंड की जीत की नींव रख दी और आखिरी दिन इस पर जीत की इमारत खड़ी कर दी है. दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 200 से ज्यादा रन की पार्टनरशिप हुई और यही टीम इंडिया की हार की सबसे बड़ी वजह रही.
दोनों ही बल्लेबाजों ने अपने शतक पूरे किए. हालांकि, इसके अलावा भी कई ऐसे कारण रहे, जिसकी वजह से भारतीय टीम इस टेस्ट में फ्रंटफुट पर होने के बावजूद हार गई. आइए एक-एक कर टीम इंडिया की हार की वजहें जानते हैं.
हार की पहली वजह: बुमराह के अलावा किसी और गेंदबाज का न चलना-
भारत ने इंग्लैंड को एजबेस्टन टेस्ट में जीतने के लिए 378 रन का लक्ष्य दिया था. इंग्लैंड में आज तक किसी टीम ने इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत हासिल नहीं की थी.
एजबेस्टन में तो भी इससे पहले 285 प्लस स्कोर भी चेज नहीं हुआ था. ऐसे में इंग्लैंड के लिए राह आसान नहीं रहने वाली थी. लेकिन, पहली पारी में अच्छी गेंदबाजी करने वाले भारतीय गेंदबाज दूसरी पारी में बेदम नजर आए.
कार्यवाहक कप्तान जसप्रीत बुमराह को छोड़ दें तो कोई गेंदबाज ही नहीं चला. मोहम्मद शमी ने 4 से अधिक की इकोनॉमी रेट से रन लुटाए. पहली पारी में सबसे अधिक 4 विकेट लेने वाले मोहम्मद सिराज दूसरी पारी में सबसे महंगे साबित हुए. उन्होंने 6 से अधिक की इकोनॉमी रेट से रन दिए. बाकी गेंदबाजों का भी यही हाल रहा. इसी वजह से भारतीय टीम इंग्लैंड पर दूसरी पारी में दवाब नहीं बना सकी.
हार की दूसरी वजह: हनुमा विहारी का बेयरस्टो का कैच छोड़ना-
पहली पारी में शतक ठोकने वाले जॉनी बेयरस्टो ने दूसरी पारी में भी सैकड़ा जड़ा. इसमें टीम इंडिया की भी गलती रही. दरअसल, बेय़रस्टो जब 14 रन पर खेल रहे थे तो मोहम्मद सिराज की गेंद पर बड़ा शॉट मारने के चक्कर में गेंद उनके बल्ले का किनारा लेते हुए चौथी स्लिप की तरफ चली गई थी.
वहां फील्डिंग कर रहे हनुमा विहारी ने कैच को सही से जज नहीं कर सके और मौका गंवा दिया. इसके बाद ऋषभ पंत के हाथों से भी बेयरस्टो का एक मुश्किल कैच छूटा. इंग्लिश बल्लेबाज ने इसका पूरा फायदा उठाया और शतक जड़कर भारत के हाथ से जीत छीन ली.
हार की तीसरी वजह: विराट कोहली और श्रेयस अय्यर ने निराश किया-
विराट कोहली से एजबेस्टन टेस्ट में बड़ी पारी की उम्मीद थी. मैच से पहले कोच राहुल द्रविड़ ने भी यह कहा था कि विराट जैसे बड़े खिलाड़ी से हमें मैच विनिंग पारी की उम्मीद है. लेकिन, विराट ने धोखा दे दिया. पहली पारी में वो 11 और दूसरी में 20 रन बनाकर आउट हो गए. यही हाल श्रेयस अय्यर का भी रहा.
उन्होंने दो पारियों में मिलाकर कुल 34 रन बनाए. इसी वजह से भारतीय टीम दूसरी पारी में बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाई और जीत के करीब पहुंचकर भी चूक गई.
हार की चौथी वजह: जसप्रीत बुमराह की रक्षात्मक कप्तानी-
भारत ने इंग्लैंड को चौथी पारी में जीत के लिए 378 रन का लक्ष्य दिया था. इंग्लैंड में किसी टीम ने आज तक इतना ब़ड़ा लक्ष्य हासिल नहीं किया था.
लेकिन, इंग्लैंड ने इसे कर दिखाया तो इसमें कहीं न कहीं गलती भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह की भी. उन्होंने इंग्लैंड के ओपनर जैक क्राउली और एलेक्स लीस को ताबड़तोड़ बल्लेबाडी करता देख फील्ड फैला दी.
इससे उन्हें स्ट्राइक रोटेट करने का मौका मिला. भारतीय गेंदबाज रक्षात्मक फील्डिंग के कारण रिवर्स स्विंग का फायदा नहीं उठा पाया और लीस-क्राउली की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 4 से अधिक के रन रेट से 107 रन ठोक डाले.
यही हाल जो रूट और जॉनी बेयरस्टो ने भी किया. इन दोनों ने भी रक्षात्मक फील्डिंग का फायदा उठाया और 200 से अधिक रन की साझेदारी कर इंग्लैंड की जीत की राह तैयार की.
हार की पांचवीं वजह: दूसरी पारी में बड़ी साझेदारी का न होना- भारत ने पहली पारी में इंग्लैंड पर 132 रन की बढ़त हासिल की थी. ऐसे में टीम इंडिया ड्राइवर सीट पर थी. लेकिन, दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज बेदम नजर आए.
पहली पारी में 400 से अधिक रन बनाने वाली टीम 245 रन पर ढेर हो गई. भारत के पास बड़ा स्कोर बना इंग्लैंड को मैच से पूरी तरह बाहर करने का मौका था.
लेकिन, टीम इंडिया ऐसा करने से चूक गई. ऋषभ पंत (57) और चेतेश्वर पुजारा (66) को छोड़ दें तो कई बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया. भारत की तरफ से सबसे बड़ी साझेदारी 78 रन की हुई. इसी वजह से भारतीय टीम इंग्लैंड को 450 रन का टारगेट नहीं दे पाई.