Loneliness is deadly: जानलेवा होता है अकेलापन,मन के साथ शरीर पर होता है…इसका प्रभाव, आत्मविश्वास में कमी…विस्तार से पढ़िए…

कुछ स्थितियों जिन्हें मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता रहा है, अकेलापन उनमें से एक है। अकेलापन दो प्रकार का होता है, पहला- एकांकी जीवन व्यतीत करना जिसमें किसी ध्येय के साथ लोगों से संपर्क तोड़कर सारा ध्यान लक्ष्य की तरफ लगा दिया जाता है और दूसरा- खालीपन, जिसमें व्यक्ति न चाहते हुए भी अकेला महससू करने लगता है।



पहली स्थिति को मन को शांत करने वाला माना जाता है जबकि दूसरी स्थिति मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। जो लोग अकेले होते हैं वे अक्सर मानवीय संपर्क के लिए बार-बार कोशिश करते हैं, लेकिन उनकी मन की स्थिति अन्य लोगों के साथ संबंध स्थापित करने को अधिक कठिन बना देती है।

कैसे करें अकेलेपन की पहचान

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों से रिश्ते बनाने की कोशिशों के बाद भी सफल न हो पाने और इसके कारण उत्पन्न निराशा को इसका प्रमुख संकेत माना जाता है। पर यह मन के साथ आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है, जिसके कारण व्यक्ति को कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।

01 उदास और खाली महसूस करना।
02 किसी चीज में खुशी न मिलना।
03 सुस्ती, ऊर्जा में कमी और थकान महसूस करते रहना।
04 सोने में कठिनाई या नींद न आना।
05 भूख में कमी या खाने की बिल्कुल इच्छा न होना।
06 आत्मविश्वास में कमी
07 बेचैनी महसूस करना।

अकेलेपन के क्या कारण हो सकते है

कई कारण हैं जो आपमें अकेलेपन की समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं। जैसे, किसी का बिछड़ जाना, नए स्थान पर जाना, तलाक या ब्रेकअप।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अगर अकेलेपन का समय पर प्रबंधन न किया जाए तो यह डिप्रेशन का कारण बन सकती है।शोध बताते हैं कि अकेलेपन को अवसाद का प्रमुख कारण माना जाता है। अपनी स्थितियों का समय पर पहचान और उसे ठीक करने का प्रयास करना बहुत आवश्यक है।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

मनोरोग विशेषज्ञों के मुताबिक लंबे समय से अकेलापन महसूस करना आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि अकेलापन अवसाद, चिंता विकार, आत्मसम्मान में कमी का एहसास, नींद की समस्या और तनाव का कारण बन सकती है।

अवसाद की स्थिति को गंभीर माना जाता है, जिसमें व्यक्ति को आत्महत्या के विचार आ सकते हैं, ऐसे में इसका सही प्रबंधन बहुत आवश्यक हो जाता है।

शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

यदि आपको निरंतर अकेलेपन की भावनाओं का अनुभव होता है, तो इसका आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर देखा जा सकता है। यह वजन बढ़ने, नींद की कमी, हृदय स्वास्थ्य में गड़बड़ी, प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।

डायबेटोलोजिया जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि अकेले रहने या लोगों से कम मतलब रखने वाले लोगों में मधमेह के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है। इनमें से कुछ स्थितियों को अनुपचारित छोड़ देना जानलेवा भी हो सकती है।

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