आज पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाई की कलाई पर बहनें राखी बांधकर उनके सुखी जीवन की कामना कर रही हैं।
वहीं भाई बहन की जिंदगीभर रक्षा करने का वचन दे रहे हैं। ऐसे में एक बहन ने अपने भाई को किडनी दान कर नया जीवन दिया है, जिसकी पूरे देश में जमकर तारीफ हो रही है।
गुड़गांव में रह रहे 29 वर्षीय पटकथा लेखक अमन बत्रा 2013 से ही गुर्दे की बीमारी से ग्रस्त थे। वे अब नौ साल बाद डायलिसिस से मुक्त हो गये हैं। उनके माता-पिता गुर्दा दान करने में असमर्थ थे, जिसके बाद यह जिम्मा उनकी बहन चंद्रा ग्रोवर (38) ने उठाया। उनकी बहन अपने पति के साथ न्यूजीलैंड में रहती हैं। न्यूज एजेंसी ने ये यह जानकारी दी है।
ब्यूटी सैलून एवं इम्पोर्ट का व्यापार करने वालीं बहन ग्रोवर ने कहा कि इस साल उनका राखी त्योहार डिजिटल होगा। चंदा ग्रोवर ने कहा कि वह नौ सालों से अपने भाई को इस बात के लिए राजी करने की कोशिश कर रही थी कि वह उसका गुर्दा ले ले, लेकिन वह अड़ा था कि वह ऐसा नहीं करेगा। ग्रोवर ने ऑकलैंड से न्यूज एजेंसी को फोन पर बताया, इस साल फरवरी में मैंने किसी तरह भाई को राजी किया कि हमारे पास यही के रास्ता है।
क्योंकि अगर वह इतने कष्ट से गुजर रहा है तो मैं कभी खुश नहीं रह पाऊंगी। वह अंतत: राजी हो गया। मैं मार्च में भारत आ गयी, मैंने जांच करवायी और मई में लौट गयी ताकि हम सर्जरी करवा सकें।
बहन के चेहरे का टैटू भी गुदवाया
बत्रा ने कहा कि उनके माता-पिता को हाई ब्लड प्रेशर है। मां को डायबिटीज भी है। बड़ी बहन चार-पांच साल से मेरे पीछे पड़ी थीं और कह रही थीं कि वह अपना गुर्दा दे सकती हैं, लेकिन हमारा मन नहीं था, क्योंकि बहन को सर्जरी से हमेशा डर लगता था। उन्होंने कहा कि वह बहुत नाजुक हैं।
जब भी उन्हें कोई सूई लगती है तो वह दर्द के कारण एक हफ्ते तक उस हाथ को पकड़कर रखती हैं। लेकिन वह मेरी खातिर ऑपरेशन के लिए तैयार हो गईं। बत्रा ने कहा कि 2010 में उन्होंने अपनी कलाई पर अपनी बहन के चेहरे का टैटू भी गुदवाया था।