भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर जिले में एक किसान द्वारा की गई बाजरे की खेती चर्चा में है. भरतपुर के पीपला (Peepla) गांव निवासी किसान दिनेश तैनुगुरिया (Dinesh Tanuguria ) ने बताया कि मित्र नदीम का खेती व टेक्सटाइल्स का काम है. जिसका कई देशों में आना जाना लगा रहता है. इसी के जरिए तुर्की से बाजरे का “सादा गोल्ड” (Sada Gold) नामक बीज 2500 रुपए किलो की दर से 20 किलो 50 हजार रुपए का मंगवाया था. इसे 11 बीघा जमीन में बोया गया, लेकिन अधिक बारिश होने के कारण आधे से ज्यादा फसल नष्ट हो गई. अभी चार से पांच बीघा फसल बची हुई है.
किसान दिनेश ने बताया कि पांच बीघा जमीन में बची बाजरे की फसल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. बाल की लंबाई चार से पांच फीट है व पेड़ की लंबाई 12 से 15 फीट है. भारत देश में होने वाले आम बाजरे की बाल 1 फीट लंबी व पेड़ की कुल लंबाई 8 से 18 फीट होती है. वही देशी बाजरे की पैदावार 8 से 10 मन प्रति बीघा होता है तो इसकी पैदावार 25 से 30 मन प्रति बीघा व चारा चार से पांच गुना होने का अनुमान है. फसल को आवारा पशुओं से बचाव के लिए खेत चारो तरफ तारबंदी की गई है.
फसल बनी सेल्फी स्टैंड
किसान गोविंद (Govind) ने बताया कि बाजरे की इस तरह की फसल हमारे आसपास के क्षेत्र में पहली बार हुई है. इस फसल को देखने के लिए लोग दूर दराज से आ रहे हैं. राहगीरों द्वारा रुक कर के फसल को देखना और सेल्फी लेना अलग ही नजारा है. कुछ लोग अपने साथ बाजरे की बाल ले जाने की जिद पर अड़ जाते हैं. इस फसल की देखरेख के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
पहले विदेशी बीज को देख मारते थे ताना
किसान दिनेश ने बताया कि पहली बार खेत में इस बीज को बोया तो लोगो ने खूब मजाक उड़ाया. कुछ लोग तो मुझे देख आने जाने पर भी ताना मारते थे. इनके तानों से परेशान होकर कई बार मन में विचार आया फसल को उजाड़ दी जाए, लेकिन जो लोग पहले ताना मारते थे अब फसल को देख देख खुश नजर आते है और पकने पर अपनी खेती के लिए बीच खरीदने की बात कहते हैं.