रायपुर. कोरोना वायरस ( कोविड-19) के संक्रमण के नियंत्रण हेतु भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों, विद्यार्थियों एवं अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय मूवमेंट के संबंध में जारी किए निर्देश के तारतम्य में छत्तीसगढ सरकार द्वारा सभी संभागायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों, कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
छत्तीसगढ शासन के समान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश के तहत विभिन्न स्थानों में फंसे प्रवासी श्रमिकांें, पर्यटकों, विद्यार्थियों एवं अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय मूवमेंट हेतु अनुमति दी जा सकती है परन्तु अन्य राज्यों के हॉटस्पाट्स जिलों से व्यक्तियों को छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर आने की अनुमति नहीं होगी। पूर्व में अप्रभावित जिलों के हॉटस्पाट घोषित होने की दशा में भी अंतर्राज्यीय मूवमेंट हेतु जारी अनुमति निरस्त कर अन्य राज्यों के हॉटस्पाट्स जिलों से व्यक्तियों को छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा के भीतर आने की अनुमति नहीं होगी। राज्य में अन्य राज्यों से आने वाले और अन्य राज्य में जाने वाले तथा राज्य के एक छोर से दूसरे छोर तक ट्रांजिट करने वाले व्यक्तियों की जानकारी संधारित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए जारी निर्देश के तहत सभी राज्यों को ऐसे लोगों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा इनके मानक प्रोटोकाल तय करने के निर्देश दिए गए हैं। ये नोडल अधिकारी फंसे हुए लोगों का अपने राज्य में पंजीयन करेंगे। यदि फंसे हुए लोग एक राज्य से दूसरे राज्य या केन्द्र शासित प्रदेशों में जाना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में भेजने वाले राज्य तथा जिस राज्य में ऐसे लोग जाना चाहते हैं, दोनों राज्यों की आपसी सहमति और परामर्श से संबंधित स्थानों में भेजा जा सकेगा। ऐसे सभी लोगों को कोरोना संक्रमण नहीं होने की स्थिति में जाने की अनुमति दी जा सकेगी।
एक राज्य से दूसरे राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश में लोगों को जाने के लिए बसों का उपयोग करना होगा। फंसे लोगों को भेजने के पूर्व बसों को सेनेटाइज करना होगा। साथ ही ऐसे वाहनों में बैठक व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। अपने गंतव्य स्थान में पहुंचने पर संबंधित राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन किया जाए और उन्हें होम क्वॉरेंटाईन में रखा जाए। जब तक कि आंकलन के लिए व्यक्ति को इंस्ट्यिूट्शनल क्वॉरेंटाईन में रखने की आवश्यकता न हो। ऐसे लोगों के स्वास्थ्य की निर्धारित समय तक ट्रेकिंग के लिए आरोग्य सेतू की मदद ली जा सकती है।