IIT, NIT व IIM में इतने छात्रों ने की आत्महत्या, हैरान कर देगा पांच साल का ये आंकड़ा

नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि 2018 से 2022 के दौरान पांच साल में आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम जैसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों में 55 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।



उन्होंने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में विगत पांच वर्षों में छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के 55 मामले सामने आए।

उन्होंने बताया कि 2018 में ऐसी घटनाओं की संख्या 11 रही जबकि 2019 में 16; 2020 में पांच; 2021 में सात और 2022 में 16 छात्रों ने आत्महत्या कर ली।

सरकार ने बताया कि 2023 में अब तक ऐसे छह मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम कार्ययोजना को लागू किया है।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने शैक्षणिक तनाव को कम करने के लिए छात्रों हेतु साथियों की सहायता से सीखना, क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा की शुरुआत जैसे कई कदम उठाए हैं। इसके अलावा, भारत सरकार की पहल ‘मनोदर्पण’ में अनेक गतिविधियां शामिल हैं.

मंत्रालय ने संस्थानों को इस प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करने की भी सलाह दी है जिसमें आत्महत्या के संभावित कारणों को दूर करने के लिए रोकथाम, उनका पता लगाने और उपचारात्मक उपाय शामिल होंगे।

error: Content is protected !!