कई हफ्ते बीत चुके हैं, लेकिन आई फ्लू के केस कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. आलम यह है कि घर में किसी एक व्यक्ति को ये इंफेक्शन हो रहा है तो पूरा परिवार चपेट में आ रहा है. बच्चे हो या बुजुर्ग सभी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं.
अस्पतालों में भी हर दिन आई फ्लू के मामलों में इजाफा हो रहा है. कुछ लोग इससे बचने के लिए आई ड्रॉप भी लगा रहे हैं. परिवार में एक ही आई ड्रॉप को कई लोग यूज कर रहे हैं, लेकिन यह करना ठीक नहीं है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा करने से क्रॉस इंफेक्शन का खतरा है. यह इंफेक्शन आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है.
डॉक्टरों के मुताबिक, अगर एक ही आई ड्रॉप शेयर कर रहे हैं तो इससे एक मरीज का इंफेक्शन दूसरे में ट्रांसफर हो सकता है. अगर किसी को बैक्टीरियल इंफेक्शन है और दूसरे को वायरस इंफेक्शन से आई फ्लू हुआ है तो आई ड्रॉप शेयर करने से एक का संक्रमण दूसरे को हो सकता है. इस वजह से आंखों में गंभीर इंफेक्शन का खतरा है.
बिना डॉक्टरों की सलाह के यूज न करें आई ड्रॉप
सूत्रों की माने तो आई ड्रॉप के इस्तेमाल से आई फ्लू से बचाव नहीं हो सकता, हालांकि फिर भी कुछ लोग इनको यूज कर रहे हैं. इससे क्रॉस इंफेक्शन का रिस्क भी रहता है. चूंकि आई फ्लू के अधिकतर मामले एडिनोवायरस की वजह से हो रहे हैं तो कोई दवा या ड्रॉप इससे बचाव में ज्यादा कारगर नहीं है. आई फ्लू अपने आप ही कुछ दिनों में ठीक हो जाता है. लेकिन अगर बिना वजह खुद से कोई गैर जरूरी इलाज किया गया तो आंखों को नुकसान हो सकता है.
कॉर्नियल इंफेक्शन का भी खतरा
आई फ्लू की वजह से कॉर्नियल इंफेक्शन होने का भी रिस्क रहता है. इसकी वजह से आंखों में काफी तेज दर्द और धुंधला दिखने की समस्या हो सकता है, हालांकि बहुत कम मामलों में ऐसा होता है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतनी जरूरी है. अगर परिवार में किसी एक व्यक्ति को आई फ्लू हुआ है तो उसकी चीजों को शेयर न करें. रुमाल और तौलिए अलग रखें. जिस व्यक्ति को आई फ्लू हुआ है उसकी अपनी आंखों को बार-बार नहीं छुना चाहिए. अगर आंखों से लगातार पानी आ रहा है या दर्द बढ़ रहा है तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.