जांजगीर-चापा. कलेक्टर यशवंत कुमार ने कोविड-19, लाक डाऊन के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेष बघेल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार
जांजगीर-चांपा जिले में समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु घोषित लाकडाउन में छूट देने एवं छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य व्यक्तियों हेतु क्वारेंटीन शिविरों में उपयुक्त व्यवस्था के संबंध में निर्देशानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा रोजगार बढ़ाने के लिए आर्थिक गतिविधियों को खोलने के अन्य उपायों, शनिवार एवं रविवार संपूर्ण लाकडाउन की व्यवस्था को समाप्त कर सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है।
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शनिवार एवं रविवार सप्ताह में 2 दिन संपूर्ण लाकडाउन की व्यवस्था को समाप्त किया गया है। सामान्य दिनों में दुकानें एवं व्यवसायिक संस्थान को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है। ऐसे स्थान जहां भीड़ भाड़ एकत्र होने की संभावना वहां पर जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय व्यवस्था बनाकर सोशल/फिजिकल डिस्टेंस मेंटेन किया जाएगा।
ऑटो रिक्शा एवं बस सेवाओं के अंतर राज्यीय संचालन एवं परिवहन पर प्रतिबंध रहेगा।
कंटेनमेंट जोन में केवल अति आवश्यक सेवाओं की अनुमति –
कंटेनमेंट जोन में गृह मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशों के अनुसार केवल अति आवश्यक सेवाओं को अनुमति होगी। श्रमिक स्पेशल एवं 1 जून से प्रारंभ होने वाली सामान्य ट्रेनों एवं पूर्व में संचालित राजधानी स्पेशल ट्रेनों हेतु निर्धारित संख्या में सार्वजनिक परिवहन के संचालन हेतु अनुमति सशर्त दी जाएगी। वाहनों में यात्रीगण एवं वाहन चालक हेल्पर मास्क पहनकर सोशल फिजिकल डिस्टेंस का पालन करेंगे।
ग्रीन, आरेंज व रेड जोन का निर्धारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन की सीमाओं का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा।
कलेक्टर ने कवारेंटीन पर रुके हुए श्रमिकों को अत्यधिक गर्मी, अन्य दुर्घटनाओं जैसे सांप काटने से बचाव हेतु, खाने पीने की व्यवस्था पेयजल की व्यवस्था इत्यादि के लिए उपयुक्त उपाय करने के निर्देश दिए है। श्रमिकों एवं अन्य व्यक्तियों को एक बेहतर क्वारेंटीन फेसिलिटी में स्थानांतिरित किया जा सकता है। क्वारेंटीन सेंटर में साफ-सफाई की संपूर्ण व्यवस्था, आग लगने से सुरक्षा, कूलर, पंखे की पर्याप्त सुविधा, शौचालय सुविधा उपलब्ध करवाने कहा गया है। यह कार्य जिला कलेक्टर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरी प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।
मानसिक तनाव को कम करने के लिए होगी खेल व सांस्कृतिक गतिविधियां –
क्वारेंटीन सेंटर के व्यक्तियों हेतु प्रतिदिन गतिविधियों की दिनचर्या बनाई जाएगी। मानसिक तनाव को कम करने के लिए उपयुक्त प्रकार के खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों को समावेश किया जाएगा। क्वारेंटीन में मानसिक तनाव से प्रभावित व्यक्तियों की काउंसलिंग एवं विभिन्न विभाग में उपलब्ध एवं क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट की सेवाएं प्रदान की जाएगी। आत्महत्या जैसी घटनाओं से बचा जा सके और मनोरंजन सामग्री जैसे टीवी रेडियो आदि उपलब्ध कराई जाएगी। जिले के सभी क्वारेंटीन सेंटरों को छोटे समूहों में विभक्त किया जाएगा। प्रत्येक छोटे समूह के निरीक्षण हेतु जोनल अधिकारियों की नियुक्ति होगी। प्रत्येक समूह हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। वे निर्देशों के अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
क्वारेंटीन अवधि उपरांत आगामी 7 से 10 दिनों तक घर पर ही रहेगें
क्वारेंटीन अवधि समाप्त होने के उपरांत बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को घर जाने की अनुमति दी जाएगी। लक्षण वाले व्यक्तियों के लिए कोरोनावायरस जारी एसओपी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। घर पहुंचने वाले व्यक्ति आगामी 7 से 10 दिनों तक घर पर ही रहेगें। इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पृथक से निर्देश जारी किए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए नगरी प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा निर्देश जारी किया जाएगा।
विकास योजनाओं में समायोजित कर लाभान्वित किया जाएगा –
क्वारेंटीन अवधि पश्चात स्थानीय स्तर पर संचालित निर्माण कार्य, मनरेगा कार्य, अन्य विकास योजनाओं में समायोजित कर लाभान्वित किया जाएगा। इस हेतु श्रम विभाग एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, छत्तीसगढ़ स्किल डेवलपमेंट मिशन के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी। पंजीकृत श्रमिकों को मनरेगा में जॉबकार्ड पंजीयन तथा श्रम विभाग की संस्थाओं जैसे कर्मकार मंडल एवं असंगठित मजदूर मंडल में पात्रता अनुसार पंजीयन किया जाएगा।
धान खरीदी केंद्रों में पक्के चबूतरे का निर्माण मानक डिजाइन एवं प्राक्लन अनुसार अति शीघ्र किया जाए। अधिक से अधिक संख्या में मनरेगा के कार्यों को प्रारंभ किये जाएगेें, ताकि बारिश से पूर्व प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया जा सके।
छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश –
क्वॉरेंटाइन शिविरों में छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाए और उनको लाभान्वित करने वाली योजनाओं का लाभ दिया जाऐगा। आंगनबाड़ी एवं स्कूल जाने योग्य आयु के बच्चों को आंगनवाड़ी एवं स्कूल में पंजीयन किया जाएगा।
शादी आयोजन हेतु अनुमति अधिकतम 50 व्यक्तियों की उपस्थिति की शर्त पर अनुमति दी जाएगी। इसी प्रकार अंतिम संस्कार में 20 व्यक्तियों की उपस्थिति पर होगी। इसकी अनुमति एसडीएम/तहसीलदार स्तर पर मिलेगी।
1 जुलाई से स्कूलों को खोलने हेतु आवश्यक तैयारी की जाएगी। कई स्थानों पर सेंटर स्कूल भवनों में क्वारेंटीन सेंटर संचालित है। स्कूल भवन खाली होने उपरांत सैनिटाइजेशन की कार्रवाई के बाद ही स्कूल का संचालन प्रारंभ किया जाएगा।