नई दिल्ली. देश के पांच राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने के पूरे आसार है। इन चुनावी राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। दरअसल, आज दोपहर 12 बजे चुनाव आयोग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी, जिसमें वह इन राज्यों के चुनावी तारीखों की घोषणा करेगी।
फिलहाल, इन सभी चुनावी राज्यों में उथल-पुथल मची हुई है। सभी पार्टियां अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है और लगातार घोषणाएं कर रही है। चुनाव आयोग द्वारा सभी राज्यों के चुनावी तारीखों के ऐलान होने के बाद से ही ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट’ यानी ‘आचार संहिता’ लागू हो जाएगी, जिसके बाद कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि आखिर चुनाव आचार संहिता क्या है।
इस खबर में हम आपको बताएंगे कि चुनावी आचार संहिता को कब और क्यों लागू किया जाता है। साथ ही बताएंगे कि आचार संहिता लागू होने के बाद पार्टियों को किन बातों का खास ख्याल रखना होता है और इसका उल्लंघन करने वालों को क्या खामियाजा भुगतना पड़ता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या है आदर्श आचार संहिता?
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कुछ नियम बनाए जाते हैं। इन नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पार्टियों, नेताओं और सरकारों को इन नियमों का खासतौर पर पालन करना होता है।
2. कब लागू होती है आचार संहिता?
आदर्श आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद से ही लागू हो जाती है और जब तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक रहती है।
3. विभिन्न चुनावों में किन क्षेत्रों में लागू होती है आचार संहिता?
लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता पूरे देश में लागू हो जाती है। विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य स्तर पर आचार संहिता का पालन करना होता है और उपचुनाव के कोड केवल संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्र में लागू होगा।
4. आचार आचार संहिता की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
आदर्श आचार संहिता की मुख्य तौर पर यह बताया गया है कि चुनाव की प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों, उम्मीदवार और सत्ता में रहने वाले दलों को चुनाव प्रचार, बैठकें और जुलूस आयोजित करने, मतदान दिवस की गतिविधियों और कामकाज के दौरान अपना आचरण कैसा रखना है।
5. चुनाव प्रचार करते समय राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के लिए मुख्य दिशानिर्देश क्या हैं?
चुनाव प्रचार के दौरान, कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई के बीच तनाव पैदा कर सकता है। असत्यापित आरोपों या विरूपण के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।
6. क्या चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का उपयोग करने पर कोई प्रतिबंध है?
चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थानों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य पूजा स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए मंच के तौर पर नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जा सकती है।
7. आचार संहिता किसी कानून के तहत बनी है?
आदर्श आचार संहिता किसी कानून के तहत नहीं बनी है। दरअसल, यह सभी राजनीतिक दलों की सहमति से बनाई और विकसित हुई है।
8. किस राज्य के विधानसभा चुनाव में सबसे पहले आचार संहिता लागू हुई?
सबसे पहले 1960 में केरल विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के तहत बताया गया था कि पार्टियों और उम्मीदवारों को किन बातों का पालन करना होगा
9. किस साल के लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का सबसे पहली बार पालन किया गया था?
साल 1962 के लोकसभा आम चुनाव में पहली बार चुनाव आयोग ने इस संहिता को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में वितरित किया था
10. चुनाव वाले दिन क्या मतदान केंद्र के अंदर या उसके आसपास प्रचार करने पर कोई प्रतिबंध है?
मतदान के दिन मतदान केंद्र के एक सौ मीटर की दूरी के भीतर वोट आदि के लिए प्रचार करना प्रतिबंधित होता है।
11. आचार संहिता का पालन न करने के क्या परिणाम होते हैं?
कोड का पालन न करने से कानूनों और विनियमों का उल्लंघन होता है। इसके लिए शख्स या पार्टी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई या उसकी बर्खास्तगी भी हो सकती है।
12. आचार संहिता लागू होने के बाद क्या कोई मंत्री अपनी आधिकारिक यात्रा को चुनाव प्रचार कार्य के साथ जोड़ सकता है?
आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी मंत्री अपनी यात्रा को चुनावी प्रचार से नहीं जोड़ सकता है। इसके अलावा चुनाव प्रचार कार्य के दौरान आधिकारिक मशीनरी या कर्मियों का उपयोग भी नहीं करेंगे।
13. चुनाव प्रचार कार्य के लिए सरकारी परिवहन का उपयोग किया जा सकता है?
आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद किसी भी पार्टी या उम्मीदवार के हित को बढ़ाने के लिए आधिकारिक विमान, वाहन आदि सहित किसी भी परिवहन का उपयोग नहीं किया जाएगा।
14. क्या चुनाव चुनाव कार्य से संबंधित अधिकारियों का ट्रांसफर या प्रमोशन किया जा सकता है?
आचार संहिता लागू हो जाने के बाद चुनाव के संचालन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाता है। यदि किसी अधिकारी का ट्रांसफर या प्रमोशन आवश्यक समझा जाता है, तो आयोग की अनुमति लेनी होती है।
15. पहले से से स्वीकृत की गई किसी योजना की घोषणा या उद्घाटन किया जा सकता है?
चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद विशिष्ट क्षेत्र में ऐसी योजना का उद्घाटन/घोषणा प्रतिबंधित होती है।
16 क्या है है आदर्श आचार संहिता?
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कुछ नियम बनाए जाते हैं। इन नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पार्टियों, नेताओं और सरकारों को इन नियमों का खासतौर पर पालन करना होता है।
17. आचार आचार संहिता की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
आदर्श आचार संहिता की मुख्य तौर पर यह बताया गया है कि चुनाव की प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों, उम्मीदवार और सत्ता में रहने वाले दलों को चुनाव प्रचार, बैठकें और जुलूस आयोजित करने, मतदान दिवस की गतिविधियों और कामकाज के दौरान अपना आचरण कैसा रखना है।
18. चुनाव प्रचार करते समय राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के लिए मुख्य दिशानिर्देश क्या हैं?
चुनाव प्रचार के दौरान, कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई के बीच तनाव पैदा कर सकता है। असत्यापित आरोपों या विरूपण के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए
19. क्या चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का उपयोग करने पर कोई प्रतिबंध है?
चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थानों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य पूजा स्थलों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए मंच के तौर पर नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जा सकती है।
20. आचार संहिता किसी कानून के तहत बनी है?
आदर्श आचार संहिता किसी कानून के तहत नहीं बनी है। दरअसल, यह सभी राजनीतिक दलों की सहमति से बनाई और विकसित हुई है।
21. किस राज्य के विधानसभा चुनाव में सबसे पहले आचार संहिता लागू हुई?
सबसे पहले 1960 में केरल विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के तहत बताया गया था कि पार्टियों और उम्मीदवारों को किन बातों का पालन करना होगा
22. किस साल के लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का सबसे पहली बार पालन किया गया था?
साल 1962 के लोकसभा आम चुनाव में पहली बार चुनाव आयोग ने इस संहिता को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में वितरित किया था।
23. चुनाव वाले दिन क्या मतदान केंद्र के अंदर या उसके आसपास प्रचार करने पर कोई प्रतिबंध है?
मतदान के दिन मतदान केंद्र के एक सौ मीटर की दूरी के भीतर वोट आदि के लिए प्रचार करना प्रतिबंधित होता है।
24. आचार संहिता का पालन न करने के क्या परिणाम होते हैं?
कोड का पालन न करने से कानूनों और विनियमों का उल्लंघन होता है। इसके लिए शख्स या पार्टी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई या उसकी बर्खास्तगी भी हो सकती है।
25. आचार संहिता लागू होने के बाद क्या कोई मंत्री अपनी आधिकारिक यात्रा को चुनाव प्रचार कार्य के साथ जोड़ सकता है?
आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी मंत्री अपनी यात्रा को चुनावी प्रचार से नहीं जोड़ सकता है। इसके अलावा चुनाव प्रचार कार्य के दौरान आधिकारिक मशीनरी या कर्मियों का उपयोग भी नहीं करेंगे।
26. चुनाव प्रचार कार्य के लिए सरकारी परिवहन का उपयोग किया जा सकता है?
आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद किसी भी पार्टी या उम्मीदवार के हित को बढ़ाने के लिए आधिकारिक विमान, वाहन आदि सहित किसी भी परिवहन का उपयोग नहीं किया जाएगा
27. क्या चुनाव कार्य से संबंधित अधिकारियों का ट्रांसफर या प्रमोशन किया जा सकता है?
आचार संहिता लागू हो जाने के बाद चुनाव के संचालन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाता है। यदि किसी अधिकारी का ट्रांसफर या प्रमोशन आवश्यक समझा जाता है, तो आयोग की अनुमति लेनी होती है।
28. पहले ले स्वीकृत की गई किसी योजना की घोषणा या उद्घाटन किया जा सकता है?
चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद विशिष्ट क्षेत्र में ऐसी योजना का उद्घाटन/घोषणा प्रतिबंधित होती है।