जांजगीर-चाम्पा. जिले में खाद्य विभाग का संचालन कैसे हो रहा है, इसका ज्वलन्त उदाहरण पामगढ़ में देखा जा सकता है। शिकायतकर्ता भाजयुमो जिला महामंत्री व पार्षद जितेंद्र देवांगन ने आयकर के दायरे में आने वाले परिवार द्वारा नीला राशन कार्ड बनवाकर अनुचित लाभ उठाएं जाने की शिकायत की थी।
शिकायतकर्ता ने इस सम्बंध में खाद्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन को भी पत्र लिखा था। श्री देवांगन के पत्र के संदर्भ में मंत्री के कार्यालय से कलेक्टर जांजगीर को जांच कर अवगत कराने सम्बन्धी निर्देश गत वर्ष 24 अक्टूबर को दिए गए थे। इस सम्बंध में जिला खाद्य अधिकारी द्वारा खाद्य निरीक्षक पामगढ़ को पहले 06 नवम्बर को पत्र लिखकर, जांच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। सम्बंधित पत्र पर खाद्य निरीक्षक से वांछित जानकारी प्राप्त न होने पर जिला खाद्य अधिकारी द्वारा पुनः 28 नवंबर 2019 को निर्देश जारी कर 3 दिन में जांच पूर्ण कर प्रतिलिपि जिला कार्यालय में जमा करने को कहा गया।
इसी प्रकरण में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के पत्र के संदर्भ में सीईओ जनपद पंचायत पामगढ़ द्वारा दिसम्बर माह में खाद्य निरीक्षक पामगढ़ को 05 दिवस में अपना अभिमत प्रस्तुत करने को कहा।
प्रकरण में खाद्य मंत्री और जिला स्तरीय अधिकारियों के निर्देशो की परवाह न करते हुए खाद्य निरीक्षक द्वारा जांच प्रक्रिया पूरी ही नही की गई । तमाम निर्देशों के और लगभग 3 माह गुजर जाने के बाद भी जांच प्रक्रिया पूर्ण न हो पाना खाद्य निरीक्षक की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न तो लगाता ही है, साथ ही कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही को भी दिखाता है। जिले में तैनात जनपद स्तर के अधिकारी किस स्तर तक स्वच्छंद और अनियंत्रित हैं.
इस प्रकरण से समझा जा सकता है। प्रकरण के सम्बंध में शिकायतकर्ता का बयान लेना तो दूर उसे किसी भी प्रकार की सूचना तक नही दी जा रही। शिकायतकर्ता भाजयुमो जिला महामंत्री जितेंद्र देवांगन ने खाद्य विभाग की लचर व्यवस्था के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए व्यवस्था सुधार हेतु उच्च स्तर पर पत्र लिखने की बात की है। उन्होंने खाद्य विभाग की निरंकुश प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार न होने पर विभाग के विरुद्ध आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी दी है।