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एक लाख 68 हजार से अधिक से अधिक हितग्राहियों को पोषण आहार का वितरण, पलायन से वापस आए श्रमिकों के साथ 470 बच्चों का किया गया पंजीयन, श्रमिकों परिवार के 122 गर्भवती/शिशुवती महिलाओं को दिया गया पोषण आहार, पलायन से वापस आए 507 हितग्राहियों को दी गयी आईसीडीएस सेवाएं

जांजगीर-चांपा. कलेक्टर जेपी पाठक के मार्गनिर्देशन में जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनओं का क्रियान्वयन फिजीकल डिस्टेंस का पालन करते हुए किया जा रहा है। कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू लाकडाउन के दौरान गर्भवती/शिशुवती महिलाओं को सूखा राशन और रेडी टू ईट का वितरण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के द्वारा घर-घर जाकर किया जा रहा है।
डिजिटल वीडियो से औपचारिक शिक्षा –
पंजीकृत बच्चों को डिजिटल विडियो उनके अभिभावको को प्रेषित किया जा रहा है। जिन अभिभावको के पास एनराईड फोन नहीं है वहा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृहभेंट के दौरान बच्चों को विडियो के माध्यम से औपचारिक शिक्षा दी जा रही है। कलेक्टर श्री पाठक के मार्गनिर्देशन में पलायन से लौटे श्रमिकों के परिवार के सदस्यों का भी पंजीयन कर आईसीडीएस की सेवाएं उपलब्ध करवायी जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार:-
हितग्राहियों को पोषण आहार का वितरण – महिला एव बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओ द्वारा जिले के एक लाख 68 हजार से अधिक हितग्राहियो का गृहभेंट कर पोषण आहार, राशन का वितरण किया जा चुका है।
बच्चों का किया गया पंजीयन – कोविड 19 से प्रभावित पलायन से वापस आए श्रमिक परिवार के 477 बच्चों का पंजीयन किया गयाना। उन्हें शासन की योजना के तहत रेडीटूईट प्रदान किया गया। साथ ही बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दवाईयां भी दी गयी।
गर्भवती/शिशुवती महिलाओं को दिया गया पोषण आहार – पलायन से वापस आए श्रमिक परिवार का घर-घर सर्वे किया गया। श्रमिक परिवार के शिशुवती और गर्भवती कुल 122 महिलाओं का नया पंजीयन किया गया। उन्हें शासन की योजनाओं के तहत सूखा राशन और रेडीटूईट वितरीत की गयी। इन महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक दवाईयां भी उपलब्ध करवायी गयी।
हितग्राहियों को दी गयी आईसीडीएस सेवाएं –
लाकडाउन के दौरान घर-घर सर्वे किया गया। इसमें 592 परिवारों का नए हितग्राहियो का चिन्हांकन किया गया, जिसमे से 507 परिवारों को आईसीडीएस सेवाएं प्रारंभ कर दी गयी है।
कुपोषित बच्चे व एनिमिक महिलाओं को भी मिल रहा पौष्टिक आहार – जिले में पूर्व में किए सर्वे के अनुसार कुपोषित बच्चों व एनिमिक महिलाओं को राज्य सरकार व जिला प्रशासन की योजनाओं के तहत पौष्टिक आहार के लिए सूखा राशन और अन्य सामाग्री दी जा रही है। इसके अलावा दवाईयां और रेडीटूईट भी घर पहुचाया जा रहा है।
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