अनुपयोगी बंद पड़ी पत्थर खदानों में मछली पालन की अभिनव पहल, मछुआ समितियों की आय में होगी वृद्धि

रायपुर. छत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने तथा मछुआ सहकारी समितियों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से मछली पालन विभाग द्वारा राज्य में अनुपयोगी एवं बंद पड़ी पत्थर खदानों में मछली पालन की पहल शुरू की गई है । मछली पालन विभाग ने इसकी कार्ययोजना को अमली रूप देते हुए विधिवत इसकी शुरुआत भी राजनांदगांव जिले के ग्राम पंचायत मुढ़ीपार के गांव मनगटा से कर दी है। मनगटा गांव में पत्थर की  कई खदानें हैं, जो वर्षों से अनुपयोगी एवं बंद पड़ी हैं। इस गांव की तीन खदानों को जिसका कुल रकबा लगभग 3 हेक्टेयर है, पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति बाबू नवागांव को 10 वर्षीय पट्टे पर मछली पालन के लिए दे दिया गया है। मछली विभाग द्वारा इन खदानों में मत्स्य बीज संचयन एवं मत्स्याखेट के लिए समिति को जाल भी उपलब्ध कराया गया है।
[su_heading]इस खबर को भी देखिए…[/su_heading]
[su_youtube url=”https://youtu.be/KZE24NfntnY”]
संचालक, मछली पालन विभाग ने बताया कि निकट भविष्य में डीएमएफ और विभाग के माध्यम से इन खदानों में केज कल्चर की स्थापना की जाएगी, जिससे मत्स्य पालन केज कल्चर से मत्स्य उत्पादन और समितियों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। इन खदानों के आसपास अनुपयोगी पड़ी भूमि में उद्यानिकी विभाग के सहयोग से फलदार एवं छायादार पौधों का भी रोपण किया जाएगा।



इसे भी पढ़े -  Sheorinarayan Big Problem : शिवरीनारायण में लाखों की 'नाली' बनी मुसीबत, मोहल्ले-घरों में घुसा गटर का गंदा पानी, घर को छोड़ने की बेबसी, वार्ड में फैल सकती है संक्रामक बीमारी, लोग हो रहे बीमार, बदबू से जीना हुआ मुहाल...

error: Content is protected !!