सोनिया गांधी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की बात, CM ने बताया, छत्तीसगढ़ में हालात ठीक, जरुरी उपायों के साथ जरुरतमंदों की कर रहे हैं मदद

रायपुर. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर कोरोना से बचाव के उपायों और  लागू लॉक डाउन के संबंध में जानकारी ली. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कान्फ्रेंस में शामिल हुए. उन्होंने छत्तीसगढ़ में कोरोना के बचाव और नियंत्रण, लॉक डाउन में आम जनता और जरूरतमंद लोगों को राहत देने के उपायों की विस्तृत जानकारी दी.
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सोनिया गांधी को जानकारी दी कि प्रदेश में 62 लाख राशन कार्ड धारी है, जिन्हें 2 माह का राशन एकमुश्त वितरित करना प्रारंभ कर दिया गया है. प्रदेश में 10 हजार मजदूर बाहर से आए हैं, जिनके रहने खाने की व्यवस्था की गई है. पूरे प्रदेश में 355 कैंप स्थापित किए गए हैं, जिसमें 2200 कमरे हैं. आंगनबाड़ी के बच्चों को  घर पहुंचा कर पोषण आहार दिया जा रहा है, इसी तरह मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम सूखा राशन बच्चों को घर पहुंचाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पूरी तरह लॉक डाउन का पालन किया जा रहा है. सीमावर्ती राज्यों की सीमाएं सील कर दी गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में लॉक डाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. राज्य में विदेश से आने वाले सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है. मनरेगा में 2000 काम शुरू किए गए हैं. जिसमें 5 लाख लोग काम कर रहे हैं. मनरेगा के श्रमिकों को भुगतान के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि रिलीज की गई है. प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण नियंत्रण में है छत्तीसगढ़ में 9 मरीज मिले थे, जिनमें से 3 ठीक हो गए हैं. राज्य में अनाज और सब्जी की सप्लाई सामान्य है . बाजारों में मूल्य नियंत्रण में हैं. बाजारों में सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोनिया गांधी को यह भी बताया कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार से जीएसटी की दो हजार करोड़ रुपए की राशि नहीं मिली है  इसी तरह मनरेगा में मात्र 75 करोड़ रूपय की राशि मिली है. सरकार ने अपनी ओर से 25 करोड़ मिलाकर 100 करोड़ रुपए की राशि रिलीज की है. इस मद में केंद्र से 400 करोड़ रुपये मिलने हैं, जो अभी नहीं मिल पाए हैं.



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