जांजगीर-चांपा. कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों में अकलतरी गांव की गोठान में लगाई गई सब्जी-भाजी महिला स्व सहायता समूह के लिए जीने का सहारा बन गई। तीन समूह की महिलाओं के साथ ही गांव के अन्य लोगों के लिए भी गोठान में लगाई गई सब्जी-भाजी मुश्किल वक्त में उनके खाने के काम आ रही है। इससे एक ओर जहां गांव के ही ग्रामीणों को सब्जी-भाजी मिल रही है, दूसरी ओर महिला समूह को इससे कुछ आमदनी भी हो रही है, जिससे उनका परिवार भी अच्छे से गुजर-बसर कर रहा है।
राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के तहत जनपद पंचायत अकलतरा के ग्राम पंचायत अकलतरी में तीन समूहों ने अपनी मेहनत से दिसम्बर 2019 से सब्जी उत्पादन का काम शुरू किया। गोठान में जय मां शारदा समूह, जय मां रंजीता महिला स्व सहायता समूह और पुसई स्व सहायता समूह की महिलाओं ने आसपास की जमीन को बेहतर बनाया। उनके द्वारा गोठान में बनाई गई जैविक खाद को जमीन में डालकर उपजा ऊ बनाने का काम किया। उसके बाद उस जमीन पर करेला, टमाटर, बैगन, भिंडी, लोकी, पालक भाजी, धनिया, मैथी भाजी, लाल भाजी, मूली, बर्रे भाजी, प्याज आदि लगाई। दिसम्बर से गोठान में सब्जी लगाने का काम जो शुरू किया, वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया। तीन-चार माह में भी गोठान में सब्जी-भाजी भरपूर होने लगी, सभी समूह की महिलाओं की मेहनत रंग लाने लगी, और उनके चेहरे बाड़ी को देखकर खिल उठे। उनके द्वारा लगाई गई सब्जी-भाजी को आज गांव के अधिकांश लोग लेकर जा रहे हैं। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने बताया कि आजीविका संवर्धन की दिशा में जिले में कलेक्टर जेपी पाठक के मार्गदर्शन में गोठान में लगातार काम किया जा रहा है। जिपं सीईओ श्री अग्रवाल ने बताया कि अकलतरी में स्व सहायता समूह की महिलाओं को गोठान में सब्जी-बाड़ी लगाने के लिए लगातार प्रेरित किया गया। आज लॉकडाउन में उन्हें गांव में ही सब्जी-भाजी आसानी से मिल रही है, जिसका उपयोग उनका परिवार एवं गांव के लोग कर रहे हैं।
लॉकडाउन में भी मिली सब्जी-भाजी
जय मां शारदा समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बताती हैं कि लॉकडाउन के दौरान गोठान में समूह की महिलाओं ने काम किया। इस दौरान जो भी सब्जी-भाजी निकलती थी, उसका उपयोग समूह की महिलाओं ने अपने परिवार के लिए साथ ही ग्रामीणों द्वारा उनसे खरीदकर ले जाते रहे हैं। गोठान में बनाई बाड़ी के कुछ हिस्से में प्याज भी लगाई थी। हाल ही में समूह की महिलाओं ने 2 क्विंटल प्याज निकाली। इस प्याज को समूह की महिलाओं ने गांव के कुछ ग्रामीणों को बेचकर आमदनी अर्जित की साथ ही कुछ प्याज परिवार के लिए रख ली, जिससे उन्हें बाद में बाजार से नहीं खरीदना पड़ेगा। इसके अलावा टमाटर, भिंडी, लोकी को बेचकर जो आमदनी हुई उससे इस मुश्किल घड़ी में उपयोग में काम आई। जय मां रंजीता महिला स्व सहायता समूह की सचिव संतोषी और पुसई स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती पुसईबाई बताती है कि लॉकडाउन के दौरान बाहर से सामान लाना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में जो बाड़ी में सब्जी लगाई वह आज इस मुश्किल घड़ी में परिवार के लिए जीवनदायिनी बनी।