जांजगीर-चाम्पा. लॉकडाउन के दूसरे राज्यों में फंसने और वहां अनेक दिक्कतों की खबरें आती रही है, लेकिन जांजगीर-चाम्पा जिले के पामगढ़ क्षेत्र से जो मामला आया है, उसने मजदूरों के हित में काम करने के दावे पर सवाल खड़े कर दिया है.
पामगढ़ क्षेत्र के बारगांव के 2 मजदूर परिवार को उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से साइकिल से आना पड़ा. लॉकडाउन में बेहद परेशान थे और 1 हजार किमी तय कर अपने गांव, बारगांव पहुंच गए. साइकिल से 7 दिनों में ये अपने घर तक लखनऊ से पहुंचे. एक परिवार के साथ उसका बेटा भी था, जिसे साइकिल में बिठाकर गांव तक लाया गया.
पामगढ़ आने के बाद दो मजदूर परिवार, पति-पत्नी समेत 4 लोग और उसके एक बेटे की अस्पताल में जांच की गई और गांव के स्कूल में 14 दिन जे क्वारेन्टीन पर रखा गया है.
मजदूरों ने बताया कि 25 अप्रेल को देर रात साइकिल से निकले और रायबरेली, इलाहाबाद, रीवा होते हुए पहुंचे. रोज 100 किमी का सफर करते थे. इस दौरान लोगों ने रास्ते में मदद की. मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन में काफी परेशानी थी, जिसके बाद उन लोगों गांव आने की सोची और साइकिल से निकल पड़े.
मजदूरों ने यह भी बताया है कि लखनऊ से बलौदाबाजार जिले के भी मजदूर, साइकिल से पहुंचे हैं. सभी लखनऊ में एक जगह पर थे.
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