धान की परम्परगत खेती के साथ नगदी फसल की ओर किसानों ने रुख किया, जिले में पहली बार बड़े स्तर पर हुई मक्का की खेती, मक्का की बेहतर फसल से किसानों में खुशी, मवेशी से फसल को बचाने किसानों ने सामूहिक भागीदारी से हजारों एकड़ खेत क्षेत्र में की फेंसिंग, बरसों तक फसल की सुरक्षा की चिंता खत्म

जांजगीर-चाम्पा. जिले में परम्परागत धान की खेती के अलावा किसानों ने नगदी फसल की ओर रुख किया है. जिले में पहली बार बड़े स्तर पर मक्का की खेती की गई है. मक्का की खेती बेहतर होने से किसान भी खुश हैं और किसानों को अच्छी आमदनी की भी उम्मीद है. बेमौसम बारिश से मक्का की फसल को नुकसान तो पहुंचा है, कुछ किसानों को कम नुकसान भी हुआ है, लेकिन जिस तरह जिले में धान की फसल लेने के बजाय, किसानों ने पहली बार जिले में मक्का की खेती की है, उसके हिसाब से किसानों को मक्का की खेती से लाभ होगा.

आपको बता दें, किसानों को शासन से मक्का का बीज, निःशुल्क मिला था. बम्हनीडीह और नवागढ़ ब्लाक के किसानों ने इस साल पहली बार जिले में बड़े स्तर पर मक्का की खेती की और सफल भी हुए हैं.
खास बात यह है कि बम्हनीडीह क्षेत्र के कई गांवों में किसानों ने मवेशी से फसल को बचाने सामूहिक कवायद शुरू की और गांव के सैकड़ों एकड़ खेतों को फेंसिंग की. फेसिंग की आधी राशि, शासन ने वहन किया. इस कोशिश से मवेशी से फसल बच गई और यह स्थायी व्यवस्था हो गई, जिसके बाद आगे बरसों तक किसानों की फसल, मवेशी से बर्बाद होने की समस्या खत्म हो गई है.

गौरतलब है कि जांजगीर-चाम्पा जिले में नहरों के कारण अच्छी सिंचाई सुविधा है. इससे यहां अधिकतर किसान, धान की बोआई करते हैं और रबी के वक्त खेत खाली रह जाती है. इस बीच किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए रबी में मक्का की फसल लेने की कवायद की गई, जिसमें किसानों ने बड़ी संख्या में भागीदारी निभाई और जिले में पहली बार बड़े स्तर पर मक्का की खेती हुई है और अच्छी फसल से किसानों ने लाभ की उम्मीद भी जताई है.
किसान हरिराम यादव, भूषण प्रसाद शर्मा ने बताया कि अगले साल और बेहतर तैयारी से मक्का की खेती की जाएगी. मार्गदर्शक बसवराज ने कहा है कि किसानों ने पहली बार में ही बहुत मेहनत की. बारिश की वजह से किसानों को कुछ नुकसान भी हुआ है. इस बार समय से मक्का की फसल की तैयारी की जाएगी, ताकि उत्पादन और बेहतर हो, जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि हो.
कृषि विभाग के उपसंचालक एमआर तिग्गा ने बताया कि कृषि विभाग के मैदानी अमले का किसानों से सतत सम्पर्क बना रहा. किसानों को मार्गदर्शन दिया गया. जिले में पहली बार बड़े स्तर पर मक्का की खेती हुई है और किसान भी बड़ी संख्या में आगे आए हैं. बम्हनीडीह ब्लाक में अच्छी कोशिश हुई है. खेतों की फसल को मवेशी से नुकसान को बचाने, सामूहिक तौर पर सैकड़ों एकड़ खेतों में एक साथ फेंसिंग की गई है, उसके फायदे दूरगामी है, यह भी तारीफ के काबिल है.



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