स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजन के संबंध दिशा निर्देश जारी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा, स्कूली छात्र-छात्राओं को शामिल नहीं किया जाएगा

रायपुर. छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय से स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजन के संबंध में दिशा -निर्देश जारी किया गया है। स्वतंत्रता दिवस का आयोजन गरिमामय तरीके से होगा । इस वर्ष कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए विशेष सावधानी बरती जाएगी। भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कोविड-19 हेतु जारी सभी निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ध्वजारोहण करेंगें।
जारी निर्देश के अनुसार किसी भी आयोजन में स्कूली छात्र-छात्राओं को शामिल नही किया जायेगा। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा। गणमान्य नागरिकों को भी सीमित संख्या में आमंत्रित करने एवं बैठक व्यवस्था में सामाजिक व्यक्तिगत दूरी का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों को मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।
जिला स्तर पर कोरोना वारियर्स का होगा सम्मान –
जारी निर्देश के अनुसार जिला स्तर पर मुख्य अतिथि के द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा। ध्वजारोहण के उपरांत पुलिस एवं नगर सैनिक की टुकड़ियों के द्वारा सलामी दी जाएगी। मुख्य अतिथि द्वारा मुख्यमंत्री द्वारा जनता के नाम संदेश का वाचन होगा। कार्यक्रम के दौरान कोरोना वारियर्स, डॉक्टरों, पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता कर्मियों को विशेष रूप से आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जनपद एवं तहसील स्तर पर सार्वजनिक समारोह आयोजित नहीं होंगे-
जनपद एवं तहसील स्तर पर सार्वजनिक समारोह आयोजित नहीं होंगे। जनपद पंचायत कार्यालय में जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं नगरीय निकायों में अध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा। पंचायत मुख्यालय में सरपंच द्वारा एवं बड़े गांव में गांव के मुखिया द्वारा ध्वजारोहण किया जयेगा। ध्वजारोहण के उपरांत सामूहिक रूप से राष्ट्रगान होगा।
शासकीय, सार्वजनिक भवनों और राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों में होगी रोशनी-
सभी शासकीय, सार्वजनिक भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा एवं स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त की रात्रि में सभी शासकीय, सार्वजनिक भवनों और राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों पर रोशनी की जाएगी।



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