जांजगीर-चाम्पा. चाम्पा की बेटी ने बिलासपुर में अपने ससुर की अर्थी को कांधा दिया और बहु ने बेटी बनकर अपना फर्ज निभाया. चाम्पा की बेटी ने मिसाल पेश की है, जिसकी लोगों ने भी तारीफ की है.
दरअसल, चाम्पा की राधिका स्वर्णकार की शादी बिलासपुर के अशोक स्वर्णकार से हुई है. अशोक के पिता केंद्रीय स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष और विधि महाविद्यालय के प्रोफेसर रहे खेमनाथ स्वर्णकार का 6 सितम्बर को निधन हो गया. निधन के बाद चाम्पा की बेटी राधिका ने अपने ससुर की अर्थी को कांधा दिया और बहु के रूप में बेटी का फर्ज निभाया.
बिलासपुर में सरकंडा मुक्तिधाम के निकली शव यात्रा में ससुर की अर्थी को बहु राधिका स्वर्णकार ने कंधा देकर ‘बेटी भाग्य से, बहु सौभाग्य से’ की कहावत को चरितार्थ किया है. चाम्पा की बेटी ने जो मिसाल पेश की है, उसकी सभी सराहना कर रहे हैं.