रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मोर जमीन-मोर मकान के तहत बेघर शहरी गरीब परिवारों को स्वयं का आशियाना मिलने का सपना अब साकार होने लगा है। इस परियोजना के तहत एक अभिनव पहल करते हुए सूडा ने राजनांदगांव में कुष्ठ रोग से ग्रसित 61 बेघर परिवारों पक्का मकान उपलब्ध कराया हैं। सूडा एवं राजनांदगांव नगर निगम की इस संयुक्त पहल को अनुकरणीय मानते हुए केन्द्रीय शहरी मंत्रालय ने इसकी प्रशंसा की है।
गौरतलब है कि भारत सरकार के उपक्रम हुडको द्वारा राज्य शहरी विकास अभिकरण को शहरी गरीब आवास एवं अधोसंरचना श्रेणी अंतर्गत आशा चढ़ी परवान (मोर जमीन-मोर मकान) परियोजना के लिए विशेष प्रशंसनीय श्रेणी में चयनित किया गया। इसके लिए सूडा को केन्द्र सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने लाभान्वित परिवारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए इस उपलब्धि के लिए राज्य शहरी विकास अभिकरण एवं नगर पालिक निगम राजनांदगांव की पूरी टीम की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि राज्य शहरी विकास अभिकरण एवं नगर पालिक निगम, राजनांदगांव की सार्थक पहल से राजनांदगांव के वार्ड क्रमांक 22, आशा नगर में निवासरत् कुष्ठ पीड़ित 61 परिवारों के 289 सदस्यों को पक्का आवास एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ प्राप्त हो सकी है।
राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौमिल चौबे ने बताया कि राज्य शहरी विकास अभिकरण एवं नगर निगम राजनांदगांव द्वारा संयुक्त रूप से अप्रैल 2018 सबके लिए आवास योजना के घटक ’मोर जमीन-मोर मकान’ के अंतर्गत इन 61 परिवारों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लाभार्थी बनाया गया। इन परिवारों का सर्वे कर इन्हें घरों के निर्माण के लिए सुरक्षित भूमि अधिकार प्रदान किया गया। पक्का आवास की सौगात पाकर कुष्ठ पीड़ित परिवार बेहद खुश है और इसके लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।
श्री चौबे ने बताया कि कुष्ठ पीड़ित परिवारों का जीवन यापन बेहतर हो सके इसके लिए राज्य प्रवर्तित एवं केंद्र सरकार की अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं के अभिसरण से उन्हें आजीविका के अन्य साधन भी प्रदान किए गए हैं। राज्य प्रायोजित पोषण कार्यक्रमों की पहुंच से समुदाय के बीच खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार भी आया है। इन परिवारों के बच्चों को स्कूल जाने के साथ-साथ छात्रवृत्ति से भी लाभान्वित किया जा रहा है। आजीविका के नवीन स्त्रोतों से सृजन से इनके आय के साधन की एक स्थायी व्यवस्था भी की गई है। इन परिवारों को दी गई मदद की बदौलत अब बच्चों में कुष्ठ रोग, वयस्कों में विकृति के ग्रेड में कमी आई है।
शासन के इस नई सोच-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ एवं सेवा जतन सरोकार की सोच के तहत कार्य करते हुए राज्य शहरी विकास अभिकरण एवं नगर पालिका निगम, राजनांदगांव ने इस खतरनाक बीमारी से ग्रसित समुदाय को मुख्य धारा से जोड़कर उनके मध्य एक संतुष्टि और सरकार के प्रति विश्वास की भावना को जागृत किया है।