शिवरीनारायण में जलझूलनी एकादशी का पर्व मनाया गया, भजन-कीर्तन के साथ निकली शोभायात्रा, चित्रोत्पला में भगवान को कराया गया नौका विहार

जांजगीर-चाम्पा. शिवरीनारायण में भाद्र शुक्ल पक्ष एकादशी को धर्म एवं अध्यात्म की पावन धरा शिवरीनारायण में डोल ग्यारस का पर्व मनाया गया. इसे जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
भगवान श्री गोपाल जी को रथ में बिठाकर भजन कीर्तन करते हुए महानदी की त्रिवेणी संगम पर ले जाया गया और पूजा-अर्चना, आरती के पश्चात नाव में बिठाकर भगवान को नौका विहार कराया गया. इसमें नगरवासी एवं क्षेत्र से आए हुए लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए.
डोल ग्यारस के संदर्भ में शिवरीनारायण मठ मंदिर के मठाधीश राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास ने कहा कि एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि को समर्पित है, जो भी भक्त श्रद्धा भक्ति पूर्वक इस व्रत को धारण करते हैं. भगवान उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करते हैं. यह मनुष्य के लिए मोक्ष का साधन है.



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