जांजगीर-चाम्पा. चाम्पा क्षेत्र के बहेराडीह गांव में स्थित कृष्णा इंडस्ट्रीज लिमिटेड में काम करने वाले मजदूरों के लिए किसी भी तरह की कोई सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था नहीं है. लिहाजा, मजदूर यहां दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं.
आज शनिवार को शाम करीब चार बजे एक मजदूर का हाथ काम करते वक्त मशीन की चपेट में आकर कट गया. घटना के तत्काल बाद घायल मजदूर को चाम्पा स्थित एक निजी नर्सिंग होम इलाज के लिए भेजा गया, जहां गंभीर हालत को देखते हुए बिलासपुर रिफर कर दिया गया है. लापरवाही और मनमानी की हद यह भी है कि कम्पनी प्रबंन्धन ने घटना की सूचना पुलिस को भी नहीं दी है.
बहेराडीह गांव से लगे कोरबा जिले के उरगा थाना क्षेत्र अंतर्गत सुखरीकला गांव निवासी 25 वर्षीय गुरु दयाल यादव पिता चमरू राम रोज की तरह आज भी बिना सुरक्षा उपकरण के प्रेस मशीन चला रहा था.
इस दौरान उसका एक हाथ मशीन में फंस जाने से कट गया. घटना के तत्काल बाद चाम्पा स्थित एक निजी नर्सिंग होम इलाज के लिए भेजा गया, मगर घायल मजदूर की गंभीर हालत को देखते हुए सिम्स बिलासपुर रिफर कर दिया गया.
उल्लेखनीय है कि मजदूरों को किसी भी तरह की कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराने की शिकायत जिला प्रशासन से जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उमा राजेंद्र राठौर भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस दिशा में कार्रवाई नहीं होने से एक ओर जहां जिला पंचायत सदस्य ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है, वहीं बहेराडीह गांव में कृष्णा इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों के मुताबिक, कृष्णा इंडस्ट्रीज में पहले भी घटना हो चुकी है.
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पुलिस को घटना की सूचना नहीं दी गई है : एसडीओपी
चाम्पा एसडीओपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि कृष्णा इंडस्ट्रीज में मजदूर के घायल होने की सूचना नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी ली जाएगी.
अमझर में भी हुई थी घटना
चाम्पा क्षेत्र के अमझर गांव स्थित प्लांट में अभी हाल ही में घटना हुई थी, जिसमें एक मजदूर आहत हुआ था. इस तरह क्षेत्र के प्लांट और कम्पनियों में सुरक्षा मानकों की लगातार अनदेखी की जा रही है और लगातार घटनाएं हो रही है.
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
क्षेत्र के प्लांट और कम्पनियों की मनमानी की शिकायत कई बार हो चुकी है, फिर भी जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है. नतीजा, हादसे बढ़ रहे हैं और कम्पनी प्रबंन्धन की मनमानी बढ़ रही है. जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी, चुप्पी साधे बैठे हैं और मजदूरों की जान पर शामत आई हुई है.