जांजगीर-चाम्पा. राहौद के जूनियर डॉक्टर भागवत देवांगन सुसाइड मामले में कार्रवाई हुई है और मप्र के जबलपुर की गढ़ा पुलिस ने 5 सीनियर डॉक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत जुर्म दर्ज किया है.
मृतक जूनियर डॉक्टर के परिजन ने रैगिंग से सुसाइड करने का आरोप लगाया था और जस्टिस फ़ॉर डॉक्टर भागवत देवांगन की मुहिम छेड़ रखी थी. घटना के पहले डॉक्टर भागवत देवांगन एक माह की छुट्टी पर आया था, तब परिजन को रैगिंग के बारे में बताया था और सीनियर द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करने की जानकारी दी थी.
इसके बाद वह 25 सितम्बर को मेडिकल कॉलेज जबलपुर पहुंचा और 1 अक्टूबर को प्रताड़ना से तंग आकर हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी. मामले में परिजन लगातार न्याय की मांग कर रहे थे.
इस बीच छग के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भी चिट्ठी लिखकर मामले में कार्रवाई की मांग की थी. साथ ही, पिछले एक माह से परिजन, सामाजिक संगठनों ने जस्टिस फॉर डॉ. भागवत देवांगन की मुहिम छेड़ रखी थी. आखिरकार, जबलपुर की गढ़ा पुलिस ने 5 सीनियर डॉक्टर के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है.
दरअसल, राहौद के रहने वाले जूनियर डॉक्टर भागवत देवांगन, जबलपुर के मेडिकल कालेज में पीजी कोर्स कर रहे थे. यहां वे लगातार रैगिंग से परेशान थे. रैगिंग की जानकारी परिजन को देने पर मेडिकल कालेज प्रबंन्धन को अवगत कराया गया था.
1 अक्टूबर को जूनियर डॉक्टर ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. परिजन को सूचना मिलने पर वे गए, वहां 5 सीनियर डॉक्टर द्वारा रैगिंग करने से सुसाइड करने की शिकायत की गई. इधर, 3 अक्टूबर को शव के घर पहुंचने के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और सड़क पर बैठकर न्याय की मांग करते राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया.
मामले को लेकर परिजन लगातार न्याय की मांग कर रहे थे और जस्टिस फॉर भागवत देवांगन की मुहिम छेड़ रखी थी. इस मुहिम को अनेक संगठनों का समर्थन मिला.
इस तरह 1 माह बाद जूनियर डॉक्टर भागवत देवांगन खुदकुशी मामले में 5 सीनियर डॉक्टर विकास द्विवेदी, सलमान, अमन गौतम, शुभम शिंदे और अभिषेक के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 306, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है.