मनमाना बिजली बिल भेजना विद्युत मंडल के सहायक अभियन्ता को महंगा पड़ गया, जिला उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला दिया

जांजगीर-चाम्पा. मनमाना बिजली बिल भेजना विद्युत मंडल के सहायक अभियन्ता को महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला दिया है। अनुचित बिल को विलोपित करने के साथ ही उपभोक्ता को 10 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और वाद व्यय देने का आदेश जारी किया गया है।
बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत आम बात हो गई है। मनमाने बिल से विद्युत उपभोक्ता त्रस्त हैं। ऐसे ही एक उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग की शरण ली, जहाँ से उसे न्याय मिला।
चाम्पा निवासी भक्त राम मेहर ने अपने 20 एचपी के मोटर पंप के लिए विधुत मंडल से कनेक्शन लिया था। छत्तीसगढ़ राज्य विधुत वितरण कम्पनी चाम्पा से उसे कनेक्शन प्रदान कर मीटर लगाया गया। बाद में 4 अगस्त 2017 को मीटर स्लो होने की बात कहते हुए विभाग के कर्मचारी मीटर को निकालकर ले गए और दूसरा मीटर लगा दिया। मार्च 2018 के गणना बिल में मीटर स्लो का 1 लाख 82 हजार 132 रुपए और रीडिंग का 14 हजार 122 रुपए का बिल उपभोक्ता को थमा दिया गया।
उपभोक्ता ने मीटर स्लो की बिलिंग राशि को लेकर आपत्ति करते हुए विधुत विभाग के कार्यालय में लिखित शिकायत की। छत्तीसगढ़ राज्य विधुत वितरण कम्पनी चाम्पा के सहायक अभियंता से की गई शिकायत के बाद भी बिल में सुधार नहीं हुआ। उल्टे उपभोक्ता को कनेक्शन काटने की बात कही गई। ऐसे में उपभोक्ता भक्त राम मेहर ने जिला उपभोक्ता आयोग जांजगीर की शरण ली। भक्त राम मेहर ने 8 जुलाई 2020 को उपभोक्ता आयोग में वाद प्रस्तुत किया। जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन, सदस्य मनरमण सिंह और मंजूलता राठौर ने प्रकरण की सुनवाई की।
उपभोक्ता आयोग ने मामले में दोनो पक्षों को सुनने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य विधुत वितरण कंपनी चाम्पा के सहायक अभियंता को सेवा में कमी का दोषी पाया। मीटर स्लो के 1 लाख 82 हजार 132 रुपए के बिल को विलोपित कर 45 दिन के अंदर उपभोक्ता को नया बिल देने का आदेश पारित किया गया। साथ ही उपभोक्ता को 10 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति व 3 हजार रुपए वाद व्यय की राशि प्रदान करने का आदेश भी जारी किया गया है।



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