जांजगीर-चांपा. शासकीय और निजी अस्पतालों में इलाज अब ई- कार्ड से हो सकेगा। ई-कार्ड बन जाने से इलाज के लिए अस्पताल में कोई भी अन्य दस्तावेज जमा कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जांजगीर चांपा जिले में डा.खुबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना,आयुष्मान भारत योजनांतर्गत शासन के निर्देशानुसार जिले मे पंजीकृत समस्त निजी चिकित्सालयों एवं समस्त सरकारी अस्पतालों की आई.पी.डी एवं ओ.पी.डी मेंं इलाज कराने पहुॅच रहे मरीजों का हेल्थ कार्ड (आयुष्मान कार्ड) बनना शुरू हो गया है। एक बार ई-कार्ड बनने के बाद मरीज को दोबारा किसी अस्पताल में दस्तावेज नही जमा करना पडेगा। सिर्फ ई-कार्ड से मरीज का इलाज शुरू हो जाएगा। कार्ड बनाने के लिए मरीज का सिर्फ आधार कार्ड और राशन कार्ड लाना अनिवार्य है।
केंद्र सरकार द्वारा जनगणना 2011 की लिस्ट में दर्ज गरीब परिवारों को 5 लाख रूपये तक के हेल्थ बीमा की सुविधा दी गई है, वहीं राज्य सरकार ने डा.खुबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत गरीबी रेखा कार्डधारी को 5 लाख एवं अन्य लोंगों को 50 हजार रूपये तक का निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। लेकिन बीमार पड़ने पर जब मरीज अस्पताल जाता है तो उससे विभिन्न दस्तावेज मांगे जाते है। वही अस्पताल में पंजीयन कराने में ही मरीज को घंटों लग जाते है।
इस समस्या को दूर करने के लिए शासन ने ई-कार्ड बनाने का फैसला लिया है। जिले के सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ईलाज कराने पहुॅचे मरीजों का यह कार्ड निःशुल्क बनाया जा रहा है। इसके लिए सिर्फ राशन कार्ड और आधार कार्ड अनिवार्य है। एक बार ई-कार्ड बनने के बाद मरीज को अस्पताल में बार बार दस्तावेज जमा करने से आजादी मिल जाएगी।
यह ई-कार्ड योेजनातंर्गत पंजीकृत शासकीय या निजी चिकित्सालय में ई-कार्ड देने से ईलाज निःशुल्क शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पंजीकृत शासकीय या निजी चिकित्सालय में आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
जांजगीर चांपा जिले में पजीकृत 17 निजी चिकित्सालयों, जिला चिकित्सालय, बी.डी.एम चिकित्सालय चांपा एवं समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में निशुल्क ई-कार्ड बनाये जा रहे है। किसी भी प्रकार की शिकायत हेतु हितग्राही टोल फ्री नंबर -104 में फोन कर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बंजारे द्वारा अपील की गई है कि हितग्राही जब कभी ओ.पी.डी. या आई.पी.डी में उपचार हेतु शासकीय या निजी चिकित्सालय जाते है तो वो अपने साथ आधार कार्ड, राशन कार्ड लेकर जाएं और अनिवार्य रूप से योजनांतर्गत अपना कार्ड बनवाएं ताकि योजनांतर्गत उपचार के समय किसी भी प्रकार की समस्या न हो।