छत्तीसगढ़ में स्कूल खोलने को लेकर बीजेपी का तीखा सवाल, कहा, ‘स्कूल खोलने के लिए पंचायत व जनप्रतिनिधियों पर ठिकरा फोड़ने के बजाय, खुद क्यों नहीं ले रही बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी’

रायपुर. छत्तीसगढ़ में स्कूलों को खोलने को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. कई अभिभावक इसे अच्छा कदम बता रहे हैं तो कईयों ने बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार कर दिया है. इन सब के बीच पूर्व शिक्षा मंत्री व भाजपा प्रवक्ता केदार कश्यप का भी तीखा बयान सामने आया है. केदार कश्यप ने प्रदेश सरकार द्वारा 2 अगस्त से प्रदेश में स्कूल खोले जाने के फैसले को सरकार द्वारा भ्रमित करने वाला निर्णय बताया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर बार की तरह स्कूलों को खोलने के मामले में भी अपनी ज़िम्मेदारी से मुंह चुराती नज़र आ रही है.
श्री कश्यप ने कहा कि स्कूलों के संचालन को लेकर प्रदेश सरकार का यह फ़ैसला कन्फ़्यूज़्ड नेतृत्व की निशानी है. प्रदेश सरकार अपनी व्यवस्था तय करने के बजाय स्कूलों को खोलने का अधिकार पंचायतों, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों और पालकों पर छोड़कर अब शिक्षा जैसे विषय के साथ भी खिलवाड़ कर रही है.
श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल और तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच स्कूलों को शुरू करने का फ़ैसला लेकर एक तो जनस्वास्थ्य के प्रति अपनी लापरवाही का प्रदर्शन किया है, दूसरे अपनी कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की हाल ही जताई गई उस चिंता को भी अनदेखा कर दिया है, जिससे बच्चों में संक्रमण का हंगामा मचाकर केंद्र सरकार के विरुद्ध प्रलाप करता नहीं थक रहा था. श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्कूलों को खोलने का फ़ैसला तो सुना दिया, लेकिन स्कूलों के संचालन के लिए कोई दिशा-निर्देश तय नहीं किया है.



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