GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल ? कब कम होंगी खाद्य तेल की कीमतें ? सरकार ने संसद में दिया ये जवाब… जानिए…

नई दिल्ली : Petrol Diesel GST : पेट्रोल-डीजल की कीमतों को क्या सरकार GST के दायरे में लाने पर विचार कर रही है ? ये सवाल एक बार फिर उठा है, लोकसभा में आज सांसदों ने सरकार से ये सवाल पूछा , इसके अलावा खाद्य तेलों की कीमतों का मुद्दा भी लोकसभा में उठाया गया.
लोकसभा में सरकार से पूछा गया है कि क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगी कि पेट्रोल-डीजल को GST के तहत नहीं लाए जाने की क्या वजह है? क्या सरकार को पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को लेकर अभ्यावेदन मिले हैं, अगर हां तो अब तक उन पर क्या एक्शन लिया गया है। सरकार से ये भी पूछा गया है कि क्या GST काउंसिल की बैठक में पेट्रोल- डीजल और LPG को जीएसटी के दायरे में लाने पर चर्चा हुई है और क्या इस बारे में राज्यों से भी कोई विचार विमर्श किया गया है ?
इन सवालों के जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिए. उन्होंने संसद को बताया है कि पेट्रोल, डीजल और LPG को GST में शामिल किए जाने को लेकर GST काउंसिल की अनुशंसा की जरूरत होगी, अभी तक GST काउंसिल, जिसमें राज्यों का भी प्रतिनिधित्व है, इन चीजों को GST के तहत लाए जाने को लेकर कोई भी अनुशंसा नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाए जाने को लेकर कई अभ्यावेदन मिले हैं, जहां तक GST काउंसिल की बैठक का सवाल है, तो इसकी 44वीं बैठक 12 जून, 2021 को हुई थी.
वित्त राज्य मंत्री ने संसद को बताया कि GST काउंसिल राजस्व को ध्यान में रखते हुए जब भी उचित समझेगी, पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने पर विचार करेगी, हालांकि GST काउंसिल में पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं की गई है और जहां तक LPG की बात है तो ये पहले ही GST के तहत आता है, आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मलाई सीतारमण भी पहले कह चुकी हैं कि अगर राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए प्रस्ताव लेकर आती हैं तो केंद्र सरकार इस पर विचार करेगी.
पेट्रोल-डीजल के अलावा लोकसभा में खाद्य तेल की कीमतें कम करने को लेकर भी सवाल पूछा गया है, सरकार से पूछा गया है कि खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, या कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। क्या खाद्य तेलों पर ड्यूटी घटाने का भी कोई प्रस्ताव है, इस पर वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि 30 जून, 2021 को कच्चे पाम ऑयल पर सीमा शुल्क को 35.75% से कम करके 30.25% और परसेंट कर दिया गया है. रिफाइंड पाम ऑयल पर इस शुल्क को 49.5% से कम करके 41.25% कर किया गया है, घटी हुई ये दर 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी.



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