जांजगीर-चांपा. मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, किसी भी समाचार पत्र के प्रकाशन का संपूर्ण अधिकार उसके प्रकाशक, मुद्रक, स्वामी एवं संपादक का होता है लेकिन छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के एक अधिकारी ने लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ का मजाक बनाकर रख दिया है। जांजगीर-चांपा से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को भी उन्होंने अवैध तरीके से छाप दिया, सूचना का अधिकार में उन्होंने अवैध रूप से छापे उस अखबार की कापी भी दे दी। उसी टेंडर में उनके द्वारा छत्तीसगढ़ के पांच प्रमुख अखबारों में से एक की प्रति भी लगाई गई है, उस समाचार पत्र का भी उनके द्वारा अवैध तरीके से प्रकाशन किए जाने की पूरी आशंका है। पूरे मामले के उजागर होने के बाद भी अधिकारी पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिसके बाद महामहिम राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री, संबंधित विभागीय मंत्री के नाम से कलेक्टर कार्यालय जांजगीर चांपा में ज्ञापन सौंपकर 10 सितंबर 2021 को एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किए जान तथा फिर भी कार्यवाही नही होने पर 15 सितंबर 2021 से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किए जाने की घोषणा की गई है।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मजाक बनाने वाले श्री पीसी लहरे वही अधिकारी है जिनके बारे में पामगढ़ विधायक श्रीमती इंदू बंजारे ने दिसंबर 2020 में छत्तीसगढ़ विधानसभा में यह सनसनीखेज आरोप लगाते हुए उन्हें जिले से हटाने की मांग की थी कि सहायक आयुक्त आदवासी विकास पीसी लहरे और उनके बाबू हर काम में पैसा लेते हैं।
महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष एवं अन्य के नाम से भेजे ज्ञापन में उल्लेखित है कि आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग अंतर्गत संचालित विभागीय छात्रावास/आश्रम एवं आवासीय संस्थाओं के लिए वर्ष 2020-21 के लिए जाति प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र तथा छात्रावास/ आश्रमों में लगने वाले आवश्यक पंजियों की छपाई आदिवासी विकास जांजगीर चांपा द्वारा कराई गई है। सूचना का अधिकार के तहत दी गई जानकारी में विभाग ने टेंडर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस और एक अन्य समाचार पत्र में प्रकाशित होने की जानकारी दी जिसका जी नं. 86529 है, जनसंपर्क संचालनालय रायपुर में जी नं. 86529 आदिवासी विकास विभाग जांजगीर चांपा के विज्ञापन को देने की बात से स्पष्ट रूप से इंकार किया है, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस मे भी उक्त विज्ञापन प्रकाशित नहीं है, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जांजगीर चांपा ने स्वयं अवैध तरीके से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के उक्त पेज का प्रकाशन कर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करा दी है। उनके द्वारा अन्य समाचार पत्रों की छपाई भी इसी तरह से टेंडर के लिए कराया गया है।
शासन जनसंपर्क संचालनालय रायपुर से विभागों को प्रदत्त आईडी पासवर्ड से एक मिनट में इसका पता लगा सकती है, अवैध रूप से समाचार पत्र छपवाकर उसके आधार पर टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण कर उक्त अधिकारी ने शासन के साथ भी फर्जीवाड़ा करते हुए उसे लाखो रूपए की क्षति पंहुचाई है, अत: निवेदन है कि उक्त दोषी अधिकारी पर यथाशीघ्र कार्यवाही की जाए :-
1. अवैध रूप से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस एवं अन्य समाचार पत्रों का प्रकाशन करने को लेकर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जांजगीर चांपा पीसी लहरे सार्वजनिक रूप से लिखित में माफी मांगे।
2. छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस एवं अन्य अखबारों का अवैध रूप से प्रकाशन करने के मामले में शासन स्तर पर श्री लहरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो।
3. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ खिलवाड़ करते हुए शासन प्रशासन की आंखों में ध्ूाल छोंककर उसे लाखों रूपए की क्षति पंहुचाए जाने के मामले में श्री लहरे को शासकीय सेवा से अयोग्य मानते हुए उन्हें पद से बर्खास्त किया जाए।
4. श्री लहरे के संपूर्ण सेवा काल में उनके माध्यम से कराए गए संपूर्ण टेंडरों की जांच हो।
5. श्री लहरे के अवैधानिक कृृत्य से जिन भी ठेकेदारों को लाभ पंहुचा हो उन्हें हमेशा के लिए ब्लेक लिस्ट किया जाए।
6. जांजगीर-चांपा जिले में पदस्थापना के दौरान श्री लहरे द्वारा किन-किन अखबारों की अवैध रूप से छपाई कराई गई है जांच कर इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए।
प्रेस के चौथे स्तंभ के साथ एक अधिकारी के द्वारा खिलवाड़ किए जाने पर उपरोक्त मांगों को लेकर दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की ओर से दिनांक 10 सितंबर 2021 को दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन और दिनांक दिनांक 15 सितंबर 2021 से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जांजगीर में किया जाएगा।
यह है मामला
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग अंतर्गत संचालित विभागीय छात्रावास/आश्रम एवं आवासीय संस्थाओं के लिए वर्ष 2020-21 के लिए जाति प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र तथा छात्रावास/ आश्रमों में लगने वाले आवश्यक पंजियों की छपाई आदिवासी विकास जांजगीर चांपा द्वारा कराई गई है। एक स्थानीय ठेकेदार ने जब उक्त टेंडर के संबंध में सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो उन्हें जानकारी देते हुए पीसी लहरे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जांजगीर चांपा ने एक प्रमुख अखबार के रायपुर संस्करण में 24 जनवरी 2021 को और दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में 25 जनवरी 2021 के अंक में उक्त टेंडर प्रकाशित होने की जानकारी देते हुए उन्हें समाचार पत्र की प्रतिलिपि भी सूचना का अधिकार के तहत प्रदान की। उक्त टेंडर में जी नं. (जनसंपर्क संचालनालय रायपुर द्वारा टेंडरों को जारी नं.) 86529 उल्लेखित है। मामले की जानकारी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को होने पर जब छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ने अपने यहां के दस्तावेज, जनसंपर्क संचालनालय की साईट, और अपने 25 जनवरी 2021 के समाचार पत्र का निरीक्षण किया तो पता चला कि उस दिन छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में आदिवासी विकास जांजगीर चांपा का उक्त टेंडर छपा ही नहीं है। जी नं. 86529 के संबंध में जब डीपीआर (जनसंपर्क संचालनालय रायपुर) से जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि डीपीआर के द्वारा उक्त जी नं. रायपुर के एक विभाग के टेंडर को दिया गया है जो कि अन्य दूसरे समाचार पत्र में प्रकाशित है, डीपीआर ने आदिवासी विकास विभाग जांजगीर चांपा के टेंडर को उक्त जी नं. कभी दिया ही नहीं है। डीपीआर ने आदिवासी विकास जांजगीर चांपा को कभी उक्त जी नं. दिया नहीं, दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में उक्त टेंडर कभी छपा नहीं फिर आखिरकार उक्त जी नं. किसके द्वारा दिया गया, अवैध रूप से छापी गयी दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की वह प्रति सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जांजगीर चांपा के पास कैसे पंहुची, और कैसे उक्त टेंडर के आधार पर 30 लाख रूपए की राशि का खेल हो गया यह बड़ा सवाल है। सहायक आयुक्त पीसी लहरे आदिवासी विकास जांजगीर चांपा के प्रमुख है, इसलिए सारी जिम्मेदारी भी उनकी ही है।
इसलिए दूसरे समाचार पत्र के भी अवैध रूप से छापे जाने की आशंका
सूचना का अधिकार के तहत सहायक आयुक्त पीसी लहरे ने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के साथ उक्त टेंडर को छत्तीसगढ़ के टॉप 5 समाचार पत्र में से एक के रायपुर संस्करण की प्रतिलिपि प्रदान की है। उक्त समाचार पत्र में वास्तव में वह टेंडर छपा है या फिर उक्त अखबार को भी अवैध तरीके से छापकर उसकी प्रति लगा दी गई है इसकी पुष्टि या तो संबंधित समाचार पत्र कर सकते हैं अथवा शासन। लेकिन निम्रलिखित कारणों से उक्त समाचार पत्र के 24 जनवरी 2021 के उक्त पेज को भी अवैध तरीके से छापे जाने की आशंका बलवती होती है,
1. डीपीआर ने जी नं. 86529 आदिवासी विकास जांजगीर चांपा के टेंडर को दिया ही नहीं है।
2. डीपीआर 30 लाख के टेंडर को कभी दूसरे संभाग के समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए नहीं भेजता, उक्त समाचार पत्र में यदि डीपीआर की ओर से उक्त टेंडर प्रकाशन के लिए जाता तो रायपुर संस्करण के स्थान पर उसके बिलासपुर संस्करण में प्रकाशित होता।
3. छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के पास मौजूद उक्त अखबार के मेन एडिशन में आदिवासी विकास जांजगीर चांपा के जी नं. 86529 के स्थान पर संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व का जी नं. 86602 वाला विज्ञापन प्रकाशित है, समाचार पत्र के बाकि संपूर्ण मेटर समान है।
शासन चाहे तो एक मिनट में हो सकता है दूध का दूध, पानी का पानी
01 सितंबर 2021 को सर्किट हाऊस जांजगीर में जिले के लगभग सभी प्रमुख पत्रकारों की उपस्थिति में दैनिक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ने कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला के संज्ञान मे यह मामला लाते हुए उन्हें सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा सूचना का अधिकार के तहत प्रदान किए गए छत्तीसगढ़ के टॉप 5 समाचार पत्रों में से एक की प्रति, तथा छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के पास मौजूद उक्त अखबार की डिजिटल प्रति भेजी थी। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास की ओर से टेंडर फाइलों में जो भी समाचार पत्र की कापी लगाई गयी है उसमें पूरा पेज उसी संबंधित अखबार का उसी तारीख का है सिर्फ स्थान देखकर किसी समाचार अथवा टेंडर की जगह सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के टेंडर को चिपकाकर उसे छाप दिया गया है, जिसके कारण प्रथम दृष्टया देखने पर अखबार के उस प्रति को अवैध तरीके से छापे जाने का संदेह संबंधित समाचार पत्र को भी नहीं होगा। सभी टेंडरों में जी. नंबर अंकित है, जी नं. डीपीआर जारी करता है, इसके लिए डीपीआर ने छत्तीसगढ़ के सभी विभागों को आईडी पासवर्ड जारी किए हुए हैं जिसके माध्यम से वो अपना टेंडर अपलोड करे, विज्ञापन के लिए अनुमोदित सूची में शामिल सभी समाचार पत्रों को भी डीपीआर ने आईडी पासवर्ड जारी कर रखे हैं जिससे कि वो उक्त टेंडर को अपने समाचार पत्र में छापकर उस अखबार की कापी डीपीआर की साईट में अपलोड करे। शासन चाहे तो डीपीआर की साइट, संबंधित अधिकारी की साइट तथा संबंधित समाचार पत्र की साइट पर एक क्लिक कर इस बात का पता तुरंत लगा सकता है कि उक्त टेंडर को अधिकारी ने डीपीआर के पास भेजा है तथा वह टेंडर लगा है अथवा अधिकारी ने फर्जी जी.नं. दर्ज कर खुद ही अखबार छापकर लगा दिया है। बाकि अधिकारी से दस्तावेज की मांग करेंगे तो जो अधिकारी पूरा समाचार पत्र अवैध तरीके से छापकर लगा सकता है उसके लिए एक पन्ने का कोई दस्तावेज कम्प्यूटर से निकालकर लगाना कितना कठिन होगा।
शासन स्तर से इसलिए हो एफआईआर
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का प्रकाशन तो अवैध रूप से किया है और भी कई समाचार पत्रों का प्रकाशन उनके द्वारा अवैध रूप से कराया गया हो सकता है, ऐसा कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ उन्होंने खिलवाड़ किया है वहीं अवैध तरीके से अपने टेंडर में जी नंबर दर्ज कर, अवैध तरीके से प्रकाशित समाचार पत्र की प्रति के आधार पर संपूर्ण टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर बड़ा फर्जीवाड़ा किया है इसलिए एफआईआर शासन की ओर से दर्ज करायी जाए। अब तक सहायक आयुक्त पीसी लहरे जहां जहां भी पदस्थ रहे और उनके कार्यकाल में जितने भी टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण करायी गयी सबकी जांच की जाए वहीं जो भी टेंडर अवैध रूप से उनके द्वारा प्रकाशित समाचार पत्रों के आधार पर पूर्ण करायी गयी है उक्त सभी टेंडरों की संपूर्ण राशि की रिकवरी उनसे करते हुए उन संपूर्ण ठेकेदारों को ब्लेक लिस्टेड किया जाए जिनको श्री लहरे के माध्यम से अवैध रूप से फायदा पंहुचाया गया है। इसके अतिरिक्त पूरे मामले में जो भी अन्य लोग दोषी होंगे उन सभी पर कार्यवाही की जाए।
मैं दोषी तो मेरे पत्रकारिता पर आजीवन प्रतिबंध लगे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास दोषी तो उन्हें शासकीय सेवा से अयोग्य घोषित किया जाए : क्षत्री
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस जांजगीर-चांपा के संपादक राजेश सिंह क्षत्री का कहना है कि अपने 23 साल की पत्रकारिता में 15 साल से भी ज्यादा का समय मैंने कोरबा के स्व. रमेश पासवान, बिलासपुर के स्व. राजू तिवारी और रायपुर से रूचिर गर्ग के अधीनस्थ रहकर उनके मार्गदर्शन में पत्रकारिता का ककहरा सीखा है, यदि मैं दोषी हूं तो मुझे पत्रकारिता के अयोग्य घोषित कर दिया जाए, मेरे पत्रकारिता पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाए, वहीं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास दोषी हो तो उन्हें शासकीय सेवा से अयोग्य घोषित करते हुए पद से पृथक कर दिया जाए।
मुझे या मेरे परिवार को कुछ हुआ तो सारी जवाबदारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग की : क्षत्री
पूरे मामले को उजागर करने और सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पर कार्यवाही किए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस े के संपादक राजेश सिंह क्षत्री ने अपने विरूद्ध षडय़ंत्र रचे जाने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि अपनी सेवाकाल में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के संबंध बहुत सारे उच्चाधिकारियों से बने होंगे, उन्होंने बहुत सारे साधन संपन्न लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ पंहुचाया होगा जिनके माध्यम से उनके समाचार पत्र, स्वयं उनके अथवा उनके परिवार के खिलाफ षडय़ंत्र रचा जा सकता है, ऐसा होने पर उसकी संपूर्ण जवाबदारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जांजगीर चांपा पीसी लहरे की होगी, इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी एक पत्र भेजा है।
संपर्क नंबर : राजेश सिंह क्षत्री, संपादक छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 7489405373´