अंतरिक्ष में बंद हुई धरती की आंख, हबल टेलिस्‍कोप की रहस्‍यमय बीमारी से NASA भी हैरान

वाशिंगटन. अंतरिक्ष में धरती की आंख कहा जाने वाला हबल टेलिस्‍कोप एक बार फिर से रहस्‍यमय बीमारी से घिर गया है। हबल टेलिस्‍कोप ऑफलाइन है और पिछले एक हफ्ते से ‘सुरक्षित मोड’ में है। हबल में दिक्‍कत आने के बाद उसके वैज्ञानिक उपकरणों को बंद कर दिया गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इंजीनियर आंकड़ों का विश्‍लेषण कर रहे हैं ताकि दिक्‍कत की वजहों को समझा जा सके। अभी तक नासा के हाथ कोई सफलता नहीं लगी है।
नासा के एक प्रवक्‍ता ने इनसाइडर से बातचीत में कहा कि जांच अभी शुरुआती स्‍तर पर है, इसलिए अभी यह बताना मुश्किल है कि खराबी की वजह क्‍या है। साथ ही यह भी बता पाना मुश्किल है कि कैसे इंजीनियर इसे दूर करेंगे और कब यह फिर से काम करने लगेगा। इस साल ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब हबल टेलिस्‍कोप ने काम करना बंद कर दिया हो। गत 14 जून को इसमें खराबी आने के बाद इसे 5 सप्‍ताह के लिए सेफ मोड पर डाल दिया गया था।हबल का पूरा सिस्‍टम वर्ष 2009 में अंतिम बार बदला गया।
इसके बाद नासा के इंजीनियरों ने कड़ी मशक्‍कत की और फिर से हबल टेलिस्‍कोप ने काम करना शुरू कर दिया। अब 4 महीने के बाद एक बार से हबल टेलिस्‍कोप ने काम करना बंद कर दिया है। हब अंतरिक्ष में मौजूद सबसे शक्तिशाली टेलिस्‍कोप है। पिछले 30 साल से अंतरिक्ष में रहकर हबल ने अनगिनत खोज की है। हबल का पूरा सिस्‍टम वर्ष 2009 में अंतिम बार बदला गया था। नासा के प्रवक्‍ता ने कहा था कि कंप्‍यूटर में 4 मेमोरी मॉड्यूल हैं लेकिन केवल एक की ही जरूरत है।
वर्ष 1990 में लॉन्‍च किया गया हबल टेलिस्‍कोप अब धीरे-धीरे बूढ़ा होता जा रहा है। कई बार इसकी मरम्‍मत की गई है, फिर भी इसमें दिक्‍कतें आने लगी हैं। नासा अब हबल की जगह पर 10 अरब डॉलर का जेम्‍स वेब टेलिस्‍कोप लॉन्‍च करने जा रही है। नासा ने शक्तिशाली हबल दूरबीन को 24 अप्रैल, 1990 को जब अंतरिक्ष में लॉन्च किया था, उसके एक दिन बाद इसे अपनी ड्यूटी पर तैनात किया गया था। करीब एक महीने तक वहां रहने के बाद हबल ने पहली बार अपनी आंख 20 मई, 1990 को खोली और अंतरिक्ष से आसमान के एक हिस्से की तस्वीर भेजी।



error: Content is protected !!