धन तो पैदा किया जा सकता है, परन्तु माता-पिता नहीं : आचार्य गिरिशानंद

जांजगीर-चाम्पा. माता-पिता का स्थान सर्वोपरि है. ये गुरू एवम भगवान से भी उच्च हैं. इनका कभी भी तिरस्कार ना करें.
यह उद्दगार व्यास नारायण महाराज आचार्य गिरिशानंद महाराज के श्रीमुख से ‘कदम कुटीर’ व्हीआईपी सिटी जांजगीर में विवेक, विकास पाण्डेय के निवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के सप्तम दिवस पर कही.
कथा में व्यास पीठ से अमृत रस प्रवाह हो रही है. नगरवासी सैकडों की संख्या में पावन कथा सुनने पहुंच रहे हैं और कथा का रसपान कर रहे हैं.



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