छत्तीसगढ़ : परंपरागत कोदो, कुटकी और रागी जैसे मिलेट फसलों की खेती को बढ़ावा देने इस वर्ष से समर्थन मूल्य में किया जाएगा खरीदी, उचित भण्डारण के लिए अधिकारियों को निर्देश

रायपुर. राज्य के वन क्षेत्रों के आसपास निवासरत वनवासियों के द्वारा परम्परागत रूप से कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मिलेट फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने इस वर्ष से समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का निर्णय लिया है। एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक चलने वाली इस खरीदी अभियान के तहत वनवासियों-किसानों से कोदो तथा कुटकी का समर्थन मूल्य 30 रूपए प्रति किलोग्राम तथा रागी का समर्थन मूल्य 33.77 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले वर्षाें के दौरान इन मिलेट फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं होने के कारण कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मिलेट फसलों का उत्पादन धीरे-धीरे कम होते जा रहे थे। राज्य सरकार द्वारा इन परिस्थितियों पर विचार करते हुए आदिवासी विकास खण्डों के अंतर्गत उत्पादित कोदो, कुटकी तथा रागी को इस वर्ष से छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से क्रय करने का निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्राथमिक समितियों के द्वारा नियोजित ग्राम और हाट बाजार स्तर पर गठित स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कोदो, कुटकी तथा रागी को समर्थन मूल्य पर एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक क्रय किया जाएगा। मुख्य सचिव ने पत्र जारी कर सभी कलेक्टरों को इन मिलेट फसलों के उचित भण्डारण के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा कोदो, कुटकी तथा रागी का समर्थन मूल्य में क्रय किए जाने का यह पहला वर्ष है, अतः इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि कोदो, कुटकी तथा रागी के उत्पादकता को बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन के तहत राज्य के 14 जिलों के जिला कलेक्टर तथा आई.आई.एम.आर हैदराबाद के बीच एम.ओ.यू. किया गया है। अतः आई आई एम.आर. हैदराबाद के तकनीकी मार्गदर्शन तथा कृषि विभाग के स्थानीय अमले का उपयोग करते हुए इन मिलेट फसलों के उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास किया जाए।
शासन के निर्देश के तहत गठित जिला स्तरीय समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की प्रति माह बैठक आयोजित कर कोदो, कुटकी तथा रागी के संग्रहण, प्रसंस्करण, विपणन संबंधी समीक्षा की जाये। इस संबंध में किए गए कार्यवाही से अवगत कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।



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