1997 के बाद पहली बार भारतीय क्रिकेट ने ऐसा दिन देखा !, ऐसा क्या हुआ… जानिए…

जैसा ये दिसंबर गुज़र रहा है, ऐसा ही एक दिसंबर 1997 में भी था. तब भी भारतीय टीम एक टेस्ट सीरीज़ खेल रही थी. फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार हम साउथ अफ्रिका गए हैं. तब श्रीलंका की टीम भारत आई थी. 1997 और 2021 में एक समानता और थी, दोनों ही मैचों में भारतीय बल्लेबाज़ों ने घुटने टेके थे.



साउथ अफ्रीका के खिलाफ 28 दिसंबर की सुबह सेंचुरियन में भारतीय बल्लेबाज़ बैटिंग के लिए उतरे तो बोर्ड पर स्कोर था तीन विकेट खोकर 278 रन. लेकिन महज़ 49 रन के अंदर हमने सात बल्लेबाज़ों के विकेट गंवा दिए. एकाएक 400 तक जाता दिख रहा स्कोर 327 पर सीमित हो गया. ये कोलेप्स भारतीय क्रिकेट में 278 या उससे ज़्यादा रन पर हमने जब भी तीन विकेट खोए, उसके बाद का दूसरा सबसे खराब कोलेप्स है.

इससे पहले 1997 में भी ऐसा ही हुआ था. श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के मैदान पर भारतीय टीम एक वक्त पर तीन विकेट खोकर 471 रन बनाकर खेल रही थी, लेकिन पुष्पकुमारा और धर्मसेना ने ऐसी गेंदबाज़ी की कि पूरी भारतीय टीम 41 रन के अंदर-अंदर वापस पवेलियन लौट गई.

ऐसा ही एक कोलेप्स 2003-04 में भी दिखा था. जब टीम इंडिया मेलबर्न में खेल रही थी और संभली हुई शुरुआत के बाद भारत ने 55 रन के अंदर सात विकेट गंवाए और पूरी टीम ढह गई. 311/3 रन बनाकर खेल रही टीम इंडिया 366 तक ऑल-आउट.
इस तरह से भारतीय टीम के सबसे खराब कोलेप्स वाली लिस्ट में सेंचुरियन टेस्ट 2021 सेकेंड टॉप हो गया है.

तीसरे दिन क्या हुआ…

टेस्ट के तीसरे दिन जब खेल शुरू हुआ तो केएल राहुल 122 और अजिंक्ये रहाणे 40 रन बनाकर इस तरह उतरे थे कि मानो आज कोई तूफान उठेगा. तूफान उठा तो ज़रूर लेकिन साउथ अफ्रीकी गेंदबाज़ों की तरफ से. लुंगी एन्गिडी एक बार फिर भारतीय बल्लेबाज़ों से सवाल पूछते नज़र आए. वहीं कगीसो रबाडा ने भारतीय बल्लेबाज़ों को खूब परेशान किया. जिसकी वजह से भारतीय पारी 327 रनों के पार नहीं जा सकी.
हालांकि तीसरे दिन के खेल से पहले केएल राहुल, मयंक अग्रवाल और अजिंक्य रहाणे ही वो बल्लेबाज़ थे. जिन्होंने भारतीय टीम को 327 रन तक पहुंचने लायक बनाया. जिसकी वजह से भारतीय गेंदबाज़ों को भी मौका मिला. तीसरे दिन बल्लेबाज़ भले ही ना चले हों लेकिन गेंदबाज़ों ने बढ़िया काम कर दिया.

मोहम्मद शमी, सिराज, शार्दुल ठाकुर और बुमराह ने अफ्रीकी बल्लेबाज़ों से ढेर सारे सवाल पूछे और पूरी टीम को 197 रन पर समेट दिया. जिससे भारत को पहली पारी के आधार पर 130 रनों की बढ़त मिल गई है. तीसरे दिन का खेल जब तक खत्म हुए भारतीय टीम ने एक विकेट खोकर 16 रन बना लिए हैं और मैच में बढ़िया पोज़ीशन में आ गई है.

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