पिछले एक दशक के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम ने टेस्ट क्रिकेट में अपना दर्जा काफी ऊंचा किया है. इसमें चाहे बात पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की करें या मौजूदा कप्तान (Virat Kohli) की इन दोनों की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने टेस्ट क्रिकेट में एक अलग पहचान हासिल की है. हालांकि, इसका श्रेय काफी हद तक टीम के खिलाड़ियों को भी जाता है, जिनकी बदौलत ही भारत ने एक के बाद एक टेस्ट सीरीज में जीतकर ये उपलब्धियां हासिल की हैं.



हैरानी की बाद यह है कि इनमें कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में भारतीय टेस्ट में बतौर परमानेंट खिलाड़ी शामिल किया जाता है, मगर कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में इन खिलाड़ियों को न के बराबर ही मौके मिले, जिसके चलते इनमें से कई खिलाड़ियों ने तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा तक कह दिया. जी हां, और आज हम इस आर्टिकल में आपको उन्हीं खिलाड़ियों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें अब आप टेस्ट क्रिकेट में नहीं देख पाते हैं…
1. गौतम गंभीर
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम बाएं हाथ के भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का है. हालांकि, गंभीर अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन अगर पिछले कुछ सालों के टेस्ट करियर को देखा जाए तो उन्हें भारतीय टीम में न के बराबर ही मौके दिए गए थे. बता दें कि, साल 2004 में अपने टेस्ट करियर की शुरूआत करने वाले गंभीर ने वर्ष 2016 में अपना अंतिम टेस्ट खेला था और अपने 12 साल के इस टेस्ट करियर के दौरान गंभीर ने मात्र 58 टेस्ट मैचों में ही भारतीय टेस्ट टीम का नेतृत्व किया था।
2. भुवनेश्वर कुमार
साल 2013 में भारतीय टेस्ट टीम में बतौर स्विंग पेसर शामिल होने वाले भुवनेश्वर कुमार ने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत एम एस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में ही की थी. गौरतलब है कि भुवी ने अपने 21 मैचों की टेस्ट करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, इसके बावजूद उन्हें कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में भारत के लिए अधिक टेस्ट मैचों में खेलने का मौका नहीं मिल पाया है और भुवी पिछले तीन सालों से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर हैं. जहां उन्होनें अपना आखिरी टेस्ट वर्ष 2018 में साउथ अफ्रीका दौरे पर खेला था।
3. अभिमन्यु मिथुन
31 वर्षीय भारतीय तेज गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन का टेस्ट करियर कुछ खासा लंबा नहीं रहा. बता दें कि, मिथुन ने वर्ष 2010 में एम एस धोनी (MS Dhoni) कप्तानी में अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की थी हालांकि साल 2011 के बाद से उन्होनें भारतीय टीम से एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला है. गौरतलब है कि, 10 साल पहले अपना अंतिम टेस्ट मैच खेले मिथुन को कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में भी मौका नहीं मिल पाया है।
4. प्रज्ञान ओझा
बतौर लेफ्ट-आर्म स्पिनर साल 2009 में भारतीय टेस्ट टीम में शामिल होनें वाले प्रज्ञान ओझा का शुरूआती करियर काफी खास रहा था. जहां उन्होनें अपनी स्पिन गेंदबाजी से विपक्षी टीमों को काफी परेशान किया, हालांकि बावजूद इसके ओझा को वर्ष 2013 के बाद से भारतीय टेस्ट टीम में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला और पूरे 7 सालों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार ओझा ने 2020 में क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी.
5. पंकज सिंह
पंकज सिंह भारतीय टेस्ट टीम में ऐसे तेज गेंदबाज रहें जिनके टेस्ट करियर की डेब्यू सीरीज ही अंतिम सीरीज साबित हुई. जी हां, दरअसल ये बात 2014 इंग्लैंड दौरे की है जहां पंकज को एम एस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम में डेब्यू करने का मौका मिला था, लेकिन वो अपनी गेंदबाजी से कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे, जिसके चलते उसके बाद उन्हें कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में भी मौका नहीं मिल पाया और इसीलिए उनके लिए यह पहला दौरा ही अंतिम दौरा साबित हुआ।
6. युवराज सिंंह
भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में नेतृत्व करने वाले युवराज सिंह का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ही सफलताओं के साथ गुजरा है. जहां बाएं हाथ के बल्लेबाज नें भारत के लिए कई मैच विनिंग यादगार पारियां खेली है, मगर बावजू इसके युवी का नाम इस लिस्ट में शामिल होना काफी हैरान करता है और वो इसीलिए क्योंकि युवी ने भारत के लिए अंतिम टेस्ट 2012 में खेला था जिसके बाद से वो भारतीय टेस्ट टीम से लगातार नजरअंदाज होते रहे. गौरतलब है कि, युवराज ने अपना अंतिम वनडे मैच 2017 में खेला था इस लिहाज से देखा जाए तो उन्हें भारत के मौजूदा कप्तान कोहली (Virat Kohli) ने टेस्ट में क्रिकेट में शामिल होने का मौका ही नहीं दिया।
7. प्रवीण कुमार
भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में नेतृत्व करने वाले युवराज सिंह का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ही सफलताओं के साथ गुजरा है. जहां बाएं हाथ के बल्लेबाज नें भारत के लिए कई मैच विनिंग यादगार पारियां खेली है, मगर बावजू इसके युवी का नाम इस लिस्ट में शामिल होना काफी हैरान करता है और वो इसीलिए क्योंकि युवी ने भारत के लिए अंतिम टेस्ट 2012 में खेला था जिसके बाद से वो भारतीय टेस्ट टीम से लगातार नजरअंदाज होते रहे. गौरतलब है कि युवराज ने अपना अंतिम वनडे मैच 2017 में खेला था इस लिहाज से देखा जाए तो उन्हें भारत के मौजूदा कप्तान कोहली (Virat Kohli) ने टेस्ट में क्रिकेट में शामिल होने का मौका ही नहीं दिया।
8. वरुण आरोन
पिछले 6 सालों से भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाने की तलाश कर रहे वरुण आरोन ने वर्ष 2015 के बाद से भारतीय टेस्ट टीम में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया है. इसमें सीधे तौर पर समझा जा सकता है कि भारत के मौजूदा कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) इस गेंदबाज की क्षमता को नजरअंदाज कर रहे हैं और शायद इसीलिए मैनेजमेंट भी वरुण की टीम में वापसी की ओर फैसला नहीं कर रही है।
9. सुरेश रैना
सीमित ओवरों में भारतीय टीम के बादशाह कहे जाने वाले सुरेश रैना का भारतीय टेस्ट टीम में सफर काफी मुश्किल भरा रहा है. जहां रैना ने अपने 15 साल केे अंतर्राष्ट्रीय करियर में कुल 18 टेस्ट मैच ही खेले थे, जिसमें अधिक मुकाबले उन्होंने एम एस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में खेले, जबकि साल 2015 में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेलने के बाद से रैना को विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में एक भी टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला था. जिसके बाद रैना ने 2020 में अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
10. शिखर धवन
बतौर सलामी बल्लेबाजी भारतीय टेस्ट क्रिकेट की शुरूआत करने वाले शिखर धवन ने पिछले तीन साल से एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला है. जहां धवन ने अपना अंतिम मैच साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ उसी की सरजमी पर खेला था. हालांकि, धवन भारत की सीमित ओवरों की टीम का हिस्सा हैं, लेकिन शायद कप्तान कोहली (Virat Kohli) अब धवन पर टेस्ट क्रिकेट में न के बराबर ही भरोसा जताते हैं.






