Air India में पायलट थे भारत के एक प्रधानमंत्री, इतने रुपये थी सैलरी

देश के अलग-अलग प्रधानमंत्री ने Air India के इतिहास को अपनी-अपनी तरह से बदला है. जवाहर लाल नेहरू ने जहां इसे प्राइवेट से सरकारी कंपनी बनाया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक बार फिर टाटा समूह को सौंप दिया. इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई और मनमोहन सिंह सभी ने एअर इंडिया के इतिहास में नए पन्ने जोड़े, लेकिन देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री ऐसे भी थे जिन्होंने एअर इंडिया में बकायदा पायलट की नौकरी की.



कॉलेज के बाद पायलट बने राजीव गांधी
नेहरू-गांधी परिवार से देश के आखिरी प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजनीति में आने से पहले पायलट थे. देहरादून से स्कूल खत्म करने के बाद राजीव कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने विदेश गए, लेकिन वहां उनका मन पढ़ाई में नहीं लगा. दिल्ली वापस आकर उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब से पायलट बनने की ट्रेनिंग ली और बाद में उन्हें एअर इंडिया में जॉब मिली.

इतनी थी राजीव गांधी की सैलरी

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राजीव गांधी को इंडियन एयरलाइंस (अब एअर इंडिया) ने डोमेस्टिक रूट पर पायलट के तौर पर नौकरी दी थी. वह अधिकतर दिल्ली-जयपुर रूट पर उड़ान भरा करते थे और तब उनकी सैलरी 5,000 रुपये महीना थी. उस समय उनकी मां इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थी, लेकिन फिर भी राजीव गांधी को पायलट की नौकरी पसंद थी. एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा भी था कि उड़ान भरने में उन्हें आनंद मिलता है और ये उन्हें उनकी रोजमर्रा की जिंदगी से आज़ादी देता है.

राजीव गांधी अपने भाई संजय गांधी की मौत के बाद राजनीति में आ गए और इस तरह उनका पायलट का करियर पीछे ही छूट गया. लेकिन राजीव गांधी के अलावा कई और ऐसे राजनेता हुए हैं जो पहले पायलट रह चुके हैं.

राजेश पायलट ने नाम ही रख लिया ‘पायलट’
कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेश्वर प्रसाद सिंह बिधूड़ी को शायद ही कोई उनके असली नाम से जानता हो. उनकी पहचान ही उनका ‘पायलट’ होना है. राजेश पायलट राजस्थान के कद्दावर नेता थे और राजनीति में आने से पहले भारतीय वायुसेना में पायलट थे. उन्होंने 1966 और 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई. 1980 में जब वो राजनीति में आए तो नामांकन भरने के वक्त एक चुनाव अधिकारी ने उन्हें अपने नाम के साथ पायलट रखने की सलाह दी. ये बात काम कर गई और इसका वोटर्स पर जादू चला. आज उनके बेटे सचिन पायलट भी राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा हैं.

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दिल्ली फ्लाइंग क्लब से पायलट बने बीजू पटनायक
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक भी एक ट्रेन्ड पायलट थे. उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब से ही इसकी ट्रेनिंग ली, और आजादी से पहले रॉयल एयर फोर्स का हिस्सा रहे. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने बर्मा में जापानी सेना के खिलाफ ब्रिटिश सेना की ओर से कई मिशन पूरे किए. इंडोनेशिया के स्वतंत्रता संघर्ष में भी उनका योगदान रहा. वहीं 1947 में कश्मीर को बचाने में उनकी भूमिका रही. इसके बाद वो राजनीति आए. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से उनके बेहद घनिष्ठ संबंध थे.

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