राजेश खन्ना ने जो लगातार 17 हिट फिल्में देकर अपना सुपर स्टारडम कायम किया था, उसमें से एक थी ‘कटी पतंग’, शक्ति सामंत के निर्देशन में बनी इस फिल्म में आशा पारेख लीड एक्ट्रेस थीं. इस फिल्म के रिलीज हुए 51 बरस हो गए हैं, तो बताते हैं मेकिंग से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से.
राजेश खन्ना , आशा पारेख स्टारर फिल्म ‘कटी पतंग’ 29 जनवरी 1971 में रिलीज हुई थी. आज से 51 बरस पहले इस फिल्म ने करीब 4 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्म कितनी सुपरहिट रही होगी. इस फिल्म में प्रेम चोपड़ा, बिंदू जैसे मंझे हुए कलाकार भी थे.
इस फिल्म के रिलीज हुए भले ही 51 साल हो गए लेकिन फिल्म के हीरो राजेश खन्ना की अदा और आशा पारेख की बेबसी, आज भी उतनी ही ताजगी के साथ मौजूद है. शक्ति सामंत अपनी इस फिल्म में राजेश खन्ना के साथ शर्मिला टैगोर को लेना चाहते थे, लेकिन फिल्म की कहानी में एक्ट्रेस को निभाने का रिस्क शर्मिला नहीं लेना चाहती थीं, ऐसे में जब आशा पारेख को शक्ति सामंत ने लीड रोल प्ले करने का ऑफर दिया तो बिना हिचके आशा रिस्क ले लिया था.
उस दौर में राजेश खन्ना के नाम पर ही फिल्में धड़ाधड़ हिट हो रही थीं, ऐसे में आशा पारेख ने समझदारी भरा फैसला लिया. और फिल्म जब रिलीज हुई तो आशा पारेख को विधवा की चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उस साल की बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिल गया.
फिल्म सुप्रसिद्ध उपन्यासकार गुलशन नंदा ने इस फिल्म को लिखा था. इसकी कहानी हॉलीवुड की फिल्म ‘आई मैरिड एक डेड मैन’ से ली गई थी. फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा है कि ‘कटी पतंग’ की कहानी एक ऐसी लड़की की है जो कई नाजुक परिस्थितियों में घिरी है. फिल्म के बनने से पहले गुलशन नंदा की लिखी ‘कटी पतंग’ उपन्यास बाजार में आ गया और यह उस समय का सबसे ज्यादा बिकने वाला उपन्यास साबित हुआ था.
आनंद बक्षी के लिखे ‘कटी पतंग’ के सारे गाने जबरदस्त हिट हुए थे और इसकी ताजगी आज भी बरकरार है. आर डी बर्मन की बनाई धुनें आज भी संगीतप्रेमियों की लिस्ट में शामिल है.
‘कटी पतंग’ के गाने ने बिंदू को पॉपुलर कर दिया. कैबरे डांसर बिंदू जब सिल्वर स्क्रीन पर ‘ मेरा नाम है शबनम’ पर थिरकीं तो लोग उनके मुरीद हो गए और रातों-रात हिंदी सिनेमा की मशहूर आइटम गर्ल बन गईं. इस गाने को आशा भोसले ने गाया था. ‘कटी पतंग’ के गाने ‘ये शाम मस्तानी’, ‘प्यार दीवाना होता है’, ‘जिस गली में तेरा घर ना हो बालमा’, ‘ये जो मोहब्बत है’, ‘ना कोई उमंग है’, ऐसे गाने रचे गए जिसे जब भी सुनो मन मयूर नाच उठता है।