Remedies of Turmeric : गुरुवार के दिन करें हल्दी के ये उपाय, जीवन के हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता

हल्दी, जिसका प्रयोग हम रोज अपने खान-पान में मसालें के रूप में करते हैं। वो एक मसाले के साथ-साथ औषधि तो है ही साथ ही इसका हिंदू धर्म में भी विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में हल्दी का संबध भगवान विष्णु और बृहस्तपति ग्रह से माना जाता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति देव का रंग पीला माना गया है, इसलिए इनके पूजन में हल्दी और पीले रंग की वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। बृहस्पति ग्रह का संबंध शुभता से है इसलिए किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य में हल्दी का जरूर प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं, हल्दी के कुछ ऐसे उपाय जिन्हें बृहस्पति वार या गुरूवार को करना चाहिए। ऐसा करने से न के बृहस्पति ग्रह संबंधी दोष दूर होते हैं, बल्कि जीवन में शुभता का संचार होता है।



इसे भी पढ़े -  Akaltra News : श्री ऋषभ विद्योदय महाविद्यालय बनाहिल में मनाया गया जनजाति गौरव दिवस, बिरसा मुंडा के जीवन और आदिवासी समुदाय के प्रति उनके योगदान को किया गया याद

1-गुरुवार के दिन पूजन में कलाई में या गर्दन पर हल्दी का छोटा सा टीका लगाना लेना चाहिए। ऐसा करने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और कार्य में सफलता मिलती है।

2- गुरुवार को भगवान विष्णु का पूजन करने के बाद माथे पर हल्दी का तिलक जरूर लगाएं। ऐसा करने से विवाह में आने वाली बाधांए दूर होती है और वैवाहिक जीवन भी मधुर होता है।

3- घर की बाहरी दीवार पर और मुख्यद्वार पर हल्दी की रेखा बना देने से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता है।

4- गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर नहाना चाहिए। ऐसा करने से दिन शुभ रहता है और नौकरी के क्षेत्र में सफलता मिलती है।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : हसौद में 251 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित, केंद्रीय मंत्री तोखन साहू, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, सांसद कमलेश जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेता ने किया भूमिपूजन

5- अगर घर में बच्चों को बुरे सपने आते हों तो हल्दी की गांठ पर मौली लपेट कर सिरहाने रख कर सोना चाहिए। ऐसा करने से बुरे सपने नहीं आते।

6- खाने में हल्दी का प्रयोग करने से जीवन में संपन्नता आती है और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

7-इंटरव्यू या परीक्षा देने जाने से पहले रूमाल में एक चुटकी हल्दी डाल कर जाना चाहिए। ऐसा करने से आपका आत्मविश्वाश बढ़ा रहता है और जरूर सफलता मिलती है।

डिसक्लेमर –
‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

इसे भी पढ़े -  Akaltara News : श्री ऋषभ विद्योदय महाविद्यालय बनाहिल में सम्पन्न हुआ अतिथि व्याख्यान

error: Content is protected !!