बदलते कश्मीर का बदला युवा, बारामुला का ताहिर सरदार पटेल के जीवन के अनछुए पहलुओं को कश्मीरी भाषा में पिरो रहा

श्रीनगर. कश्मीर की युवा पीढ़ी अब सरदार वल्लभ भाई पटेल को अपना आदर्श मानने लगी है। राष्ट्रीय एकता के अद्भुत शिल्पी, राजनीतिक कौशल, देश के प्रति जुनून और मिलीजुली विरासत को सहेजने की पटेल की सोच को हकीकत में बदलने के लिए युवा उठ खड़े हुए हैं।



वह कश्मीर के भविष्य को सुनहरा देखने को उत्सुक हैं जो बीते तीन दशक से आतंक रूपी दानव की जकड़ में है। बदलते कश्मीर के बदल रहे युवाओं में एक ताहिर अहमद लोन इन दिनों देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन के विभिन्न अनछुए पहलुओं को कश्मीरी भाषा में किताब के पन्नों मेें पिरोने में जुटा है। उसका मकसद कश्मीर के युवाओं में पटेल जैसे गुर उनके दिलों दिमाग में डालकर देश को सशक्त करना है।

बारामुला का पीएचडी स्कालर व उभरता लेखक ताहिर हाल ही में देशभर के उन 75 लेखकों की सूची में शामिल हुआ है, जिन्हें प्रधानमंत्री मेंटरशिप युवा योजना के तहत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने स्वाधीनता के किसी अनछुए विषय पर लिखने के लिए चुना है। ताहिर उत्तरी कश्मीर के बारामुला के बातीपोरा रफियाबाद का निवासी है।
ताहिर कहते हैं कि पटेल हमारे देश के ऐसे गुणी नेता रहे हैं, जिन्होंने अंग्रेजों से संघर्ष करने के लिए लोगों को एकत्र कर प्रेरित किया। फिर इस लड़ाई को जीतने के लिए सब कुछ दांव पर लगा चुकी कौम को समेटा कर स्वतंत्र देश की नींव डालने के लिए तैयार किया। वह कहते हैं कि देश के महान नेता का बचपन से ही प्रशंसक रहा हूं। उन्होंने मुझे प्रभावित किया है।

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मुझे सबसे बड़ी खुशी है कि इस महान नेता के जीवन पर पुस्तक अपनी मातृ भाषा में लिखने का मौका मिला है। मेरी कोशिश होगी कि इस पुस्तक के माध्यम से कश्मीर के ही नहीं देश के युवाओं तक उस महान नेता का संदेश पहुंचा सकूं, जिससे उनमें देश को आगे ले जाने की प्रेरणा मिल सके। मैं पहले भी उनके जीवन, विचारधारा, दृष्टिकोण और कारनामों पर हमेशा कुछ लिखता रहा हूं।

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यह होगा मेरी पुस्तक का नाम : मेरी कोशिश होगी कि पुस्तक में मेरेे हीरो पटेल के जीवन के उन अनछुए पहलुओं को सामने रखूं, जिनके बारे में आम लोगों को काफी कम जानकारी है। मेरी इस किताब का नाम होगा सरदार वल्लभ भाई पटेल, अजीम कोमुक अजीम मेमार (सरदार वल्लभ भाई पटेल, महान कौम का महान राजगीर)। यह पुस्तक छह महीनों के भीतर लिखनी है।

युवाओं के खून में गर्माहट लाने के लिए साहित्य की आवश्यकता : ताहिर ने कश्मीर के युवाओं से कहा कि ऐसे स्वाधीनता सेनानियों के बारे में जरूर जानना चाहिए क्योंकि इनके बारे में पढ़कर हौसला मिलता है। आज के युवाओं के खून में गर्माहट लाने के लिए साहित्य की आवश्यकता है। मेरी पुस्तक कश्मीर के हर युवक तक पहुंचे जो उनके लिए मार्गदर्शक बने कि किस तरह से एक बिखरी कौम को समेट कर उसे तरक्की व खुशहाली की उन्नति की डगर पर ले जाया जा सकता है। कश्मीर में ही काफी युवा पटेल के प्रशंसक हैं। ताहिर कश्मीर के गुमनाम कवियों को खोज उनकी जीवनियों को पुस्तकों का रूप देने में जुटा। अब्दुल अहद नादिम नामक वरिष्ठ स्थानीय के जीवन पर थीसेज लिख ताहिर ने अपनी पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

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