ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी जांजगीर द्वारा भारतरत्न लता मंगेशकर को दी गई श्रद्धांजलि

जांजगीर-चाम्पा. ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर द्वारा भारत रत्न लता मंगेशकर जी भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छः दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि, लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायिका के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है।



लता जी की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। भारत सरकार ने उन्हें ‘भारतरत्न’ से सम्मानित किया था।
इनकी मृत्यु कोविड से जुड़े जटिलतों से 6 फरवरी 2022 को मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में हुई। वे कुछ समय से बीमार थीं। उनकी महान गायकी और सुरम्य आवाज के दीवाने पूरी दुनिया मे है। सभी प्यार से उन्हें ‘लता दीदी’ कहकर पुकारते हैं।

उनकी विव्य आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके बी.पी.एस स्कूल, जाँजगीर में प्राचार्य सोनाली सिंह व स्कूल के निर्देशक आलोक अग्रवाल तथा शिक्षकगण की उपस्थिति में विनम्र श्रद्धांजलि दी गई तथा उनके गीतो को स्मरण किया गया। स्कूल के निर्देशक आलोक अग्रवाल ने कविता के माध्यम से भाव व्यक्त किया ’तारा विलीन, दिल गमगीन उनका जाना एक युग का जाना, संगीत का आकाश, वो वट लता विराट, पीढ़ियों के अहसास, इक रोशन इतिहास.. रिक्त हो गया कुछ, कहीं रूक गया कुछ अस्ताचल की लाली,करें कहीं कुछ ख़ाली।‘ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने लता जी को उनके यादगार गानें गाकर अपनी श्रद्धांजली अर्पित की। षिक्षिका मिनीमोल द्वारा लता जी का जीवन परिचय प्रेषित किया गया, वरिष्ठ षिक्षक एवं परीक्षा प्रभारी सहदेव प्रधान के द्वारा लता जी के कार्यकाल एवं उनके अद्वितीय गुणों का बखान किया,

शिक्षिका अंजू चतुर्वेदी, सरिता प्रधान, प्रियंका द्विवेदी, वर्षा सिंह, विजयलता राठौर, प्रीति बाला सिंह, भिष्मिता साहू द्वारा गीत गा कर उन्हे याद किया गया। अंत मे प्राचार्या सोनाली सिंह द्वारा शोक सभा को अंतिम पडाव देते हुए भारत रत्न लता मंगेशकर जी के बारे में कुछ अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुरों की देवी, जिन्होने अपने जीवन काल मे स्वयं को षिक्षा से विमुख रही, लेकिन उन्हे विष्व के 6 विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट की उपाधि दी गयी तथा सिनेमा जगत के 109 वर्ष मे से 70 वर्ष लता जी के है। लता जी को 1969 में पद्य्म भूषण 1999 मे पद्य्म विभूषण, 1989 में दादा साहब फाल्के, 2001 मे भारत रत्न, 2007 में फ्रांस का सर्वाेच्च नागरिक उपाधि से सम्मानित किया गया।

1948 में मजबूर फिल्म का गाना ‘दिल मेरा तोडा’ से अपनी गायकी की शुरूआत कि एवं 1949 में महल फिल्म का गाना आयेगा आने वाला गाने से प्रसिद्धि की। फिल्म वीरजारा में उन्होने अपनी अंतिम गायिकी प्रदान की एवं 30 मार्च 2021 को उन्होने भारतीय सेना को समर्पित अपना आखिरी गीत ‘सुगंध मुझे इस मिट््टी की’ गाया। उन्होने अपने गायिकी जीवन में कैबरे के लिए गाना स्वीकार नही किया। समस्त ब्रिलियंट परिवार के तरफ से शोक संतप्त व्यक्त करने हेतु मौन धारण किया गया।

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