नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में भारत को एक और वैक्सीन मिल गई है। भारत के दवा महानियंत्रक (Drugs Controller General of India, DCGI) ने एक डोज वाली स्पुतनिक लाइट के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘डीसीजीआइ ने एक डोज वाली स्पुतनिक लाइट कोविड-19 वैक्सीन के भारत में आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी है।’
कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मिलेगी मजबूती केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि इससे महामारी के खिलाफ देश की सामूहिक लड़ाई को और मजबूती मिलेगी। इससे पहले शनिवार को डीसीजीआइ के तहत आने वाली विषय विशेषज्ञ समिति ने स्पुतनिक लाइट को आपात उपयोग की मंजूरी देने की सिफारिश की थी।
रूस-भारत के बीच सहयोग की दिशा में बड़ा कदम रूस के सरकारी लैब के साथ मिलकर इस वैक्सीन को विकसित करने वाले रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआइएफ) के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने इसे कोविड के खिलाफ लड़ाई में रूस और भारत के बीच सफल सहयोग की दिशा में एक और बड़ा कदम बताया है।
देश को मिली नौवीं कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक लाइट नौवीं कोरोना वैक्सीन बन गई है जिसे देश में आपात उपयोग को मंजूरी दी गई है। अब तक जिन आठ वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है वे सब दो डोज वाली हैं। इनमें स्पुतनिक वी, कोविशील्ड, कोवैक्सीन, कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स के साथ ही माडर्ना, जानसन एंड जानसन और जायडस कैडिला की जाय कोव डी शामिल है।
डा. रेड्डीज ने बूस्टर डोज के रूप में परीक्षण की अनुमति मांगी समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक हैदराबाद की दवा कंपनी डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने स्पुतनिक लाइट का बूस्टर डोज के रूप में परीक्षण करने के लिए डीसीजीआइ से अनुमति मांगी है। डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज रूसी स्पुतनिक-वी वैक्सीन का भारत में क्लीनिकल परीक्षण और वितरण करती है।
देश में ही होगा उत्पादन डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सीईओ इरेज इजरायली ने कहा कि कंपनी भारत में स्पुतनिक का उत्पादन करने में सक्षम हो गई है। स्पुतनिक लाइट को वैक्सीन और स्पुतनिक वी के बूस्टर डोज के रूप में पंजीकृत कराने के लिए भारत सरकार के साथ सक्रिय रूप से बातचीत चल रही है।
डीसीजीआइ को प्रस्ताव सौंपा इरेज इजरायली ने कहा कि दूसरी वैक्सीन की बूस्टर डोज के रूप में स्पुतनिक लाइट का परीक्षण करने के लिए कंपनी ने डीसीजीआइ को प्रस्ताव भी सौंपा है। उन्होंने कहा कि कंपनी को परीक्षण के प्रोटोकाल के लिए भारत में प्रशासन से मंजूरी लेनी होगी।