मुंबई: कहते हैं कि हर कामयाब इंसान के पीछे कई कहानियां और किस्से होते हैं। भारत रत्न और स्वर कोकिला लता मंगेशकर की जिंदगी के भी कई अनकहे किस्से हैं। लता दीदी अपने जीवन में त्याग, समर्पण, संघर्ष, उसूल, रसूख को बुनकर ही वो स्वर की सरस्वती बनीं। उन्होंने कठिनाईंया को पार करने के बाद ही वो दुनियाभर में अपनी पहचान बना पाईं। चलिए आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े वो किस्से, जो किसी को पता नहीं हैं।
28 सितंबर 1929 को लता का जन्म इंदौर में हुआ था। जन्म के समय उनका नाम हेमा था। बाद में उनके पिता दीनानाथ ने ‘भावबंधन’ नाटक में एक फीमेल कैरेक्टर से प्रभावित होकर अपनी बेटी का नाम ‘लता मंगेशकर’ रख दिया।
5 साल की उम्र में ही शुरू कर दिया था काम लता मंगेशकर ने 5 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। जिस उम्र में बच्चे खेलते पढ़ते हैं तब लता मंगेशकर ने घर की जिम्मेदारी संभाली थी। अपने भाई-बहनों के बेहतर भविष्य के लिए कभी शादी नहीं की। उन्होंने अपने पिता दीनानाथ के साथ म्यूजिकल प्ले में अभिनय करना शुरू किया
आपको जानकर हैरानी होगी कि लता ने पढ़ने के लिए सिर्फ एक दिन स्कूल गईं। कहा जाता है कि लता मंगेशकर स्कूल में बच्चों को गाना सिखाना चाहती थीं। पर स्कूल टीचर को उनकी ये बात पसंद नहीं आई। उन्हें वो नहीं करने दिया गया, जो वो करना चाहती थीं। बस इसलिये लता जी ने स्कूल जाना बंद कर दिया।
1942 में पिता दीनानाथ की मौत के बाद लता मंगेशकर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। 13 साल की उम्र में जब बच्चे हंसते-खेलते हैं, तब लता जी पर घर चलाने की जिम्मेदारी थी। बस यहीं से उन्होंने गायिकी और अभिनय में करियर बनाना शुरू कर दिया।
1945 में लता मंगेशकर उस्ताद अमन अली खान द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया। इस दौरान कई बार रिजेक्शन हुआ। फिर भी लता दी जिंदगी निराश नहीं हुई। लता के साथ मां सरस्वती का आशीर्वाद था। यहीं कारण है कि 1949 में महान गायिका ने महल फिल्म के गीत ‘आएगा अनेवाला को अपनी आवाज दी। इस गाने को उन्होंने इतनी खूबसूरती से गाया कि सुनने वाला हर इंसान उनकी आवाज में मंत्रमुग्ध हो गया।
लाइमलाइट से खुद को दूर रखने वाली लता ने परिवार के कारण शादी न करने का फैसला लिया। अपनी गायिकी से लोगों के दिलों पर राज करने वाली लता मंगेशकर कई अवॉर्ड्स से सम्मानित की गई थीं। अपने करियर में उन्होंने बेहतरीन गाने गाकर विश्वभर में भारत का नाम रोशन किया।