कोरोना की नई लहर के पीछे Omicron का ये सब-वैरिएंट! जानिए भारत में कितना खतरा

दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. चीन में कोरोना के मामले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. पश्चिमी यूरोप के भी कई देशों में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि मामलों में बढ़ोतरी की वजह Omicron का सब-वैरिएंट BA.2 है. ये अब तक का सबसे ज्यादा संक्रामक वैरिएंट माना जा रहा है.



विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, Omicron के 5 सब-वैरिएंट हैं- BA.1, BA.1.1, BA.2, BA.2.2 और BA.3. दिसंबर से फरवरी के बीच दुनियाभर में कई देशों में BA.2 के मामले सामने आए थे. BA.2 का सबसे पहला मामला पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था.

कितना खतरनाक है BA.2?
– विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी सिर्फ चीन और यूरोपीय देशों तक ही सीमित नहीं रहेगी. दुनिया में फिर से कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए अमेरिकी वैज्ञानिक इरिक टोपोल BA.2 के ज्यादा संक्रामक और इसमें इम्युनिटी को चकमा देने की बात को जिम्मेदार मानते हैं.

– वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेडिकेयर टीम के हेड रहे एंडी स्लेविट ने ट्वीट कर कहा कि जिस तरह से यूरोपीय देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसकी वजह से कुछ हफ्तों में अमेरिका में भी केस बढ़ सकते हैं.

WHO के पूर्व महामारी विशेषज्ञ प्रोफेसर एंड्रियन एस्टरमैन ने ट्वीट कर कहा कि BA.1 की तुलना में BA.2 1.4 गुना ज्यादा संक्रामक है. उन्होंने बताया कि BA.1 का रिप्रोडक्शन नंबर (R0) 8.2 है तो BA.2 की R0 वैल्यू 12 है. R0 वैल्यू से ही पता चलता है कि कौन सा वैरिएंट कितना संक्रामक है. BA.2 से संक्रमित व्यक्ति कम से कम 12 लोगों को संक्रमित कर सकता है.

क्या भारत में भी आएगी चौथी लहर?
– IMA कोच्चि में रिसर्च सेल के हेड डॉ. राजीव जयदेवन ने बताया कि भारत में चीन के उलट जबरदस्त हाइब्रिड इम्युनिटी है. उन्होंने कहा कि पिछले साल दूसरी लहर आई थी और उसके बाद वैक्सीनेशन भी तेजी में हुआ, इससे लोगों में इम्युनिटी बढ़ गई है. इसलिए भारत में चीन की तरह मामले नहीं बढ़ रहे हैं.
– कोविड टास्क फोर्स NTAGI के प्रमुख डॉ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा ने बताया कि भारत में BA.2 की वजह से मामले बढ़ने की गुंजाइश नहीं है. हालांकि, वो कहते हैं कि अगर नया वैरिएंट आता है तो मामले बढ़ सकते हैं.
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि तीसरी लहर में 75 फीसदी से ज्यादा मामले BA.2 के थे. डॉ. अरोड़ा आईआईटी कानपुर के उस अनुमान को भी त्रुटीपूर्ण मानते हैं जिसमें 22 जून तक भारत में चौथी लहर आने की बात कही गई थी.
– डॉ. जयदेवन ने बताया कि भारत और साउथ अफ्रीका में वैक्सीनेशन के साथ-साथ रि-इन्फेक्शन, ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन और नेचुरल इन्फेक्शन के मामले भी सामने आए, जिस कारण लोगों में वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ गई है. उनका मानना है कि यही कारण है कि चीन समेत कई देशों में संक्रमण भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन भारत में अभी संक्रमण बढ़ने की संभावना कम है.

Deltacron के मामले भी बढ़ रहे!
WHO ने हाल ही में माना है कि दुनिया के कई देशों में Deltacron के मामले भी सामने आए हैं. जिन देशों में Deltacron के मामले सामने आए हैं, उनमें फ्रांस, नीदरलैंड्स, डेनमार्क और अमेरिका का नाम भी शामिल है. Deltacron कोरोना के Delta और Omicron वैरिएंट से मिलकर बना है, इसलिए इसे ये नाम दिया गया है. हालांकि, अभी तक इसकी गंभीरता को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है.

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