Birthday: बेहतरीन एक्टर के साथ शानदार इंसान हैं….सतीश कौशिक, सिर्फ इस खास वजह से बेस्ट फ्रेंड… नीना गुप्ता से करना चाहते थे शादी

नई दिल्ली. सतीश कौशिक बॉलीवुड सिनेमा का एक बड़ा नाम हैं। वह न केवल शानदार कॉमेडियन अभिनेता हैं, बल्कि निर्माता-निर्देशक भी हैं। सतीश कौशिक ने फिल्मों में जितना बेहतरीन अभिनय किया है, उतने ही बेहतरीन तरीके से उन्होंने फिल्मों के निर्देशन भी किए हैं। सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई हरियाणा और दिल्ली से ही की थी।



सतीश कौशिक ने अभिनय का पढ़ाई एफटीआईआई और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा जैसे संस्थानों से की है। सतीश कौशिक ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत बतौर सह निर्देशक और कलाकारों के तौर की थी। वह साल 1983 में आई शेखर कपूर की फिल्म ‘मानसून’ में सह निर्देशक थे। इस फिल्म में सतीश कौशिक ने अभिनय भी किया था। इसके बाद उन्होंने कल्ट फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ में अभिनय किया। इस फिल्म का उन्होंने सह निर्देशन और फिल्म के डायलॉग भी लिखे थे।

बतौर निर्देशक सतीश कौशिक के डेब्यू फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ थी, जिसमें अनिल कपूर और श्रीदेवी ने काम किया था। इसके बाद सतीश कौशिक ने ‘हम आपके दिल में रहते हैं’, ‘तेरे नाम’, ‘शादी से पहले’ और ‘कागज’ सहित कई शानदार फिल्मों का निर्देशन किया। बेहतरीन निर्देशक के अलावा सतीश कौशिक बेहतरीन कॉमेडियन कलाकार भी हैं। उन्होंने अभिनेता गोविंदा के साथ कई फिल्मों में कॉमेडी किरदार कर खूब सुर्खियां बटोरी हैं।

सतीश कौशिक जितने शानदार कलाकार हैं, उतने ही बेहतरीन इंसान भी हैं। वह हमेशा से अपने दोस्तों के लिए खड़े होते रहे हैं। यही वजह थी कि उन्होंने अपनी सबसे अच्छी दोस्त नीना गुप्ता का उनके सबसे बुरे वक्त में साथ दिया था।

सतीश कौशिक ने नीना गुप्ता को शादी करने के लिए प्रपोज किया था। यह बात उस समय की है जब नीना गुप्ता बेटी मसाबा को लेकर प्रेग्नेंट थीं और वह अपने बुरे वक्त से लड़ रही थीं। इस बात का जिक्र नीना गुप्ता ने अपनी बायोग्राफी ‘सच कहूं तो’ किया है।

वहीं इस पूरे मामले पर एक इंटरव्यू में सतीश कौशिक ने कहा था, ‘हम लोग 1975 से दोस्त हैं, और तब से अब तक हमारी दोस्ती मजबूत है। हम एक दूसरे को नैंसी और कौशिकन बुलाते हैं। मैं उनके परिवार को भी जानता हूं। हम दोनों करोल बाग में आसपास ही रहते थे, दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी  साथ थे और थिएटर में भी एक्टिव थे।

हमने साथ में ‘जाने भी दो यारो’, ‘मंडी’ और ‘तेरे संग’ जैसी कई फिल्में कीं। हालांकि अपने संघर्ष में हम बिजी हो गए, लेकिन जब भी हम मिलते थे तो पुरानी यादें ताजा हो जाती थीं।’

सतीश कौशिक ने आगे कहा था, ‘जिस तरह नैंसी ने अपनी जिंदगी की मुश्किलों का सामना किया है, मैं इसके लिए हमेशा उनकी सराहना करता हूं। उन्होंने बहुत बहादुरी से अपनी जिंदगी की चुनौतियों का सामना किया है, खासकर तब जब वह मसाबा के वक्त प्रेग्नेंट थीं। मैं उनकी इस बात के लिए सराहना करता हूं कि एक लड़की ने शादी के बिना बच्चे को जन्म देने का फैसला लिया। उस वक्त एक सच्चे दोस्त की तरह मैं बस उनके साथ खड़ा रहा और उन्हें भरोसा दिया।’

दिग्गज अभिनेता ने कहा था, ‘मैं उन्हें लेकर बहुत चिंतित था और उन्हें अकेला महसूस नहीं होने देना चाहता था। इसलिए तो दोस्त होते हैं न? जैसा कि किताब में लिखा है कि मैंने उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया। उस वक्त बहुत मिक्स फीलिंग थी। उसमें मजाक, फिर्क, सम्मान और सपोर्ट था।

मैंने अपनी बेस्ट फ्रेंड को उस वक्त सपोर्ट किया जब उसे जरूरत थी। मैंने उससे कहा था कि मैं हूं न तू चिंता क्यों करती है? यह सुनकर वह मुड़ी और मुझे देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए। उस दिन से हमारी दोस्ती और मजबूत हो गई। मुझे उस पर गर्व है कि वह एक अभिनेत्री के तौर पर बहुत अच्छा काम कर रही है और उसने बहुत अच्छे आदमी से शादी की है।’

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