IPL 2022: चेन्नई के साथ-साथ इस युवा खिलाड़ी को भी हुआ…बड़ा नुकसान, गंवाने पड़ेंगे 14 करोड़ रूपये, जानें क्या है….सैलरी का नियम किस प्रकार से खिलाड़ियों को मिलता है….पैसा

चेन्नई सुपर किंग्स के स्टार तेज गेंदबाज दीपक चाहर चोट की वजह से आईपीएल 2022 से बाहर हो चुके हैं। वह इस सीजन में एक भी मैच नहीं खेल पाए और टीम के कैंप का हिस्सा भी नहीं बन पाए। हालांकि उनकी वापसी की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में पुनर्वास के दौरान दोबारा से चोटिल होने की वजह से सारी संभावनाओं पर विराम लग गया। आईपीएल की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान में उनके पूरे सीजन से बाहर होने की पुष्टि कर दी गई



दाएं हाथ के 29 वर्षीय तेज गेंजबाज दीपक को चोट की वजह से आर्थिक तौर पर भी बड़ा नुकसान हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दीपक को उनकी नीलामी राशि का एक भी रूपया नहीं मिलेगा।

चेन्नई की गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा रहे दीपक को फ्रेंचाइजी ने इस बार के मेगा ऑक्शन में 14 करोड़ की मोटी रकम के साथ अपने साथ जोड़ा था। आइए जानते हैं आईपीएल में क्या कहता है खिलाड़ियों की सैलरी से जुड़ा नियम…

पूरे सीजन उपलब्ध रहने पर मिलते हैं पूरे पैसे

नीलामी की राशि एक साल के लिए होती है, यानी अगर किसी खिलाड़ी को 14 करोड़ रुपये में खरीदा जाता है तो उसे ये वह रकम हर साल मिलेगी और उसे तीन साल तक 42 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। अगर कोई खिलाड़ी पूरे सीजन में टीम के साथ उपलब्ध रहता है, तो उसे पूरी राशि का भुगतान किया जाता है।

इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह खिलाड़ी कितने मैच में खेला है। उदाहरण के लिए साल 2013 में मुंबई इंडियंस का हिस्सा रहे ग्लेन मैक्सवेल को तब सिर्फ तीन ही मैच खेलने का मौका मिला था, लेकिन उन्हें सैलरी के रूप में उनकी पूरी रकम मिली थी।

सीजन शुरू होने से पहले चोटिल होने पर अलग नियम

हालांकि अगर कोई खिलाड़ी सीजन शुरू होने से पहले ही चोटिल हो जाता है, तो फ्रेंचाइजी उसे कोई भी रकम नहीं चुकाती। लेकिन अगर कोई खिलाड़ी सीजन में कुछ निश्चित मैचों के लिए उपलब्ध है, तो इसके लिए आम तौर पर कुल रकम का दस प्रतिशत पैसा खिलाड़ी को दिया जाता है।

फ्रेंजाइजी करवाती है इलाज

रिपोर्ट के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी टीम कैंप में रिपोर्ट करता है और सीजन शुरू होने से पहले चोटिल हो जाता है और आगे एक भी मैच में हिस्सा नहीं लेता है, तो वह नीलामी की रकम का 50 फीसदी पैसा पाने का हकदार है। इस मामले में मोहम्मद शमी और ड्वेन ब्रावो को इसका फायदा मिल चुका है। अगर कोई खिलाड़ी टूर्नामेंट के दौरान चोटिल हो जाता है, तो फ्रेंचाइजी उसके इलाज का पूरा खर्च उठाती है।

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