ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के समक्ष यूक्रेन संकट को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि हमलावर देशों को मनमानी से रोकने, कमजोर देशों को इससे बचाने और वैश्विक सुरक्षा के लिए लोकतांत्रिक देशों को मजबूती के साथ एकजुट होना होगा।
मौजूदा वैश्विक घटनाक्त्रस्म के चलते इस हफ्ते अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव भी भारत की यात्रा पर हैं। लिज की यात्रा का मकसद अगले हफ्ते नाटो और जी-7 देशों की बैठक से पहले रूस पर से वैश्विक रणनीतिक निर्भरता को कम करना भी है।
ब्रिटेन के उच्चायोग के अनुसार भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत संबंधों से हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत पूरे विश्व में सुरक्षा को लेकर मजबूती आएगी। भारत आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में आगे होने के साथ-साथ ब्रिटेन का अच्छा दोस्त भी है। दोनों देशों के बीच रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ब्रिटेन चाहता है कि साइबर सुरक्षा और रक्षा सहयोग की मजबूती के लिए दोनों देश मिलकर काम करें।
इन क्षेत्रों में ब्रिटेन करेगा सहयोग
संयुक्त साइबर सुरक्षा प्रोग्राम के अनुसार दोनों देशों में ऑनलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर को साइबर हमलों से बचाने में मदद की जाएगी, जिसके लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे।
भारत और ब्रिटेन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग पर मिलकर काम करेंगे। हिंद-प्रशांत महासागर में भारत द्वारा शुरू किए गए अभियान में समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर ब्रिटेन मुख्य सहयोगी बनेगा और दक्षिण एशिया के प्रमुख देशों के बीच सामंजस्य बनाने में मदद करेगा।
ब्रिटेन, भारत के गैर पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में 70 मिलियन पाउंड (करीब 7 अरब रूपये) का निवेश करेगा। इससे देश में गैर पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र का विकास होगा। भारत में निवेश के संबंध ब्रिटेन के निवेशकों के लिए एक नया कार्यक्त्रस्म भी शुरू किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय ने अपने जारी बयान में कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस के साथ द्विपक्षीय परामर्श किया और भारत-यूके वर्चुअल समिट 2021 के दौरान प्रधानमंत्रियों के बीच सहमत रोडमैप 2030 की वार्षिक रणनीतिक समीक्षा की। दोनों पक्षों ने जनवरी 2022 में शुरू होने के बाद से पहले ही पूरे हो चुके दो उत्पादक दौरों के साथ भारत-यूके एफटीए वार्ता में हुई पर्याप्त प्रगति की सराहना की।
रूसी हमले के परिणामों पर भारत से चर्चा करेंगे अमेरिकी दूत दलीप
अमेरिका के उच्च सलाहकार भारतीय मूल के दलीप सिंह इन दिनों भारत यात्रा पर हैं। दलीप को रूस के खिलाफ अमेरिका के दंडात्मक उपायों का शिल्पकार माना जाता है। व्हाइट हाउस ने बताया कि दलीप नई दिल्ली में रूस के यूक्रेन पर अन्यायपूर्ण हमले के वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभावों पर गहन चर्चा करेंगे। अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा उपसलाहकार दलीप सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में अधिकारियों के साथ बैठकें की।
उनका कई अन्य बैठकों में भी भारतीय समकक्षों से इस विषय पर विमर्श का कार्यक्रम है। व्हाइट हाउस के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस केट बेडिंगफील्ड ने दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दलीप भारत सरकार के साथ समावेशी आर्थिक विकास, समृद्धि और मुक्त एशिया-प्रशांत पर भी विचार करेंगे। इस समय ब्रिटिश विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रूस और जर्मन विदेश एवं सुरक्षा नीति सलाहकार जेंस प्लॉटनर भी भारत दौरे पर हैं।
पहले भारतीय अमेरिकी सांसद के हैं पड़पोते
दलीप सिंह (46) अमेरिकी संसद में चुने गए पहले भारतीय-अमेरिकी दलीप सिंह सोंद के पड़पोते हैं। उन्होंने मैसाचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी और हार्वर्ड कैनेडी स्कूल से व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर और अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र में सार्वजनिक प्रशासन विषय में भी स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। ओबामा प्रशासन के दौरान वे अंतरराष्ट्रीय वित्त प्रबंधन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।