रेलवे भर्ती बोर्ड ( आरआरबी ) ने ग्रुप डी के 1.03 लाख पदों पर भर्ती के लिए जुलाई माह में आयोजित होने वाली परीक्षा से पहले भर्ती प्रक्रिया में कई अहम बदलावों का ऐलान किया है। हालांकि अभ्यर्थियों की मांग के बाद 10 मार्च को आरआरबी ने यह घोषणा कर दी थी कि ग्रुप डी (लेवल-1) भर्ती में सिंगल स्टेज परीक्षा होगी। सीबीटी का दूसरा चरण नहीं होगा। इसके बाद आज रेलवे ने आज गुरुवार 7 अप्रैल 2022 को EWS सर्टिफिकेट व डेढ़ गुना अभ्यर्थी समेत कई अन्य मुद्दों पर अधिसूचना जारी कर स्पष्टीकरण दिया है।
आपको बता दें कि फरवरी 2019 में ग्रुप डी के 1.03 लाख से ज्यादा पदों पर निकली इस भर्ती के लिए सवा करोड़ युवाओं ने आवेदन किया था।
यहां जानें रेलवे ग्रुप डी भर्ती में क्या-क्या बदलाव होने जा रहे हैं –
1. EWS सर्टिफिकेट
पहले कहा गया था कि इस भर्ती ( CEN No.RRC01/2019) में EWS सर्टिफिकेट के लिए वित्तीय वर्ष 2018-2019 माना जाएगा क्योंकि रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 14 अप्रैल 2019 थी। अब रेलवे ने अभ्यर्थियों की मांग मान ली है। अब रेलवे ने कहा है कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दिन भर्ती नोटिफिकेशन के बाद जारी किए गए EWS सर्टिफिकेट भी मान्य होंगे।
2. कई सेशन में होने वाले पेपरों के नॉर्मलाइजेशन मार्क्स की कैलकुलेशन
नए नोटिस में कहा गया है कि परीक्षा कई सेशन या शिफ्ट में हो सकती है। परसेंटाइल स्कोर बेस्ड नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाएगा। अगर दो उम्मीदवारों के समान परसेंटाइल आते हैं तो मेरिट तय करते समय पहले वाला फॉर्मूला ही इस्तेमाल होगा। फॉर्मूला बदलने का अधिकार रेलवे के पास रहेगा।
3. कितने गुना अभ्यर्थियों को डीवी में बुलाया जाएगा
नोटिफिकेशन में कहा गया था कि PET क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों को CBT में प्रदर्शन के आधार पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा। इन अभ्यर्थियों की संख्या वैकेंसी की डेढ़ गुनी (1.5 गुना) होगी। यदि कोई पैनल में शामिल कोई चयनित उम्मीदवार ज्वॉइन नहीं करता है तो एक्स्ट्रा उम्मीदवारों की लिस्ट में से उस रिक्त पद को भरा जाएगा।
रेलवे ने नए नोटिस में यह साफ कर दिया है कि PET क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों को CBT में प्रदर्शन के आधार पर 1:1 अनुपात में ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा। यानी जितनी वैकेंसी होंगी, उतने ही अभ्यर्थियों को डीवी के लिए बुलाया जाएगा। अगल पैनल में शामिल उम्मीदवारों की संख्या कम पड़ती है तो रेलवे के पास मेरिट कम करने का अधिकार होगा।
4. अगर दो या उससे अधिक उम्मीदवारों के नॉर्मलाइज्ड परसेंटाइल स्कोर समान होते हैं तो उनकी मेरिट आयु से तय होगी। अधिक उम्र वालों को मेरिट में ऊपर रखा जाएगा। अगर आयु भी समान है तो फिर नाम का alphabetical order (A to Z) देखा जाएगा।
5. अब असिस्टेंट प्वॉइंट्समैन के पद को प्वॉइंट्समैन कहा जाएगा।