नई दिल्ली . नोएडा में सुपरटेक के दो टावरों को ढहाने से पहले आज रविवार को टेस्ट ब्लास्ट किया जाएगा. वैसे, 40 मंजिला इन दोनों इमारतों को वास्तव में 22 मई को ढहाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में दोनों टावरों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था. आदेश दिया था.
इसका कारण यह था कि 40 मंजिल की इन दोनों इमारतों को भवन निर्माण के नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया था. आइए, हम इन इमारतों की कहानी और इन्हें ध्वस्त करने के तरीके की जानकारी लेते हैं.
ये दोनों टावर उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93-ए में स्थित हैं. साथ ही ये नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के करीब हैं. एक टावर की ऊंचाई 103 मीट, जबकि दूसरे की ऊंचाई करीब 97 मीटर है. फर्म की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार, नोएडा के सेक्टर 93-ए में सोसायटी में रविवार दोपहर 2.30 बजे टेस्ट ब्लास्ट किया जाएगा.
10 मिनट का परीक्षण
दोनों टावर गिराने के लिए कितने विस्फोटकों की आवश्यकता होगी, इसका पता लगाने के लिए 10 मिनट का परीक्षण किया जाएगा. इसके लिए आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को खाली नहीं करना पड़ेगा. टेस्ट ब्लास्ट बिल्डिंग की दो दो फ्लोर, समेंट और 14वीं मंजिल पर होंगे.
लोगों की सुरक्षा के लिए ब्लास्ट जोन में सेना और पुलिस तैयार रहेगी. इस क्षेत्र के सभी निवासियों को अपने अपार्टमेंट के अंदर रहने की हिदायत दी गई है. उन्हें दोपहर 2.15 बजे से 2.45 बजे के बीच बालकनियों पर नहीं खड़े होने के लिए कहा गया है.
नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक, इसमें सिर्फ 9 सेकंड लगेंगे. प्राधिकरण ने अवैध रूप से बनाए गए इन टावरों को ढहाने के लिए इमारत इंजीनियरिंग और जटिल कंस्ट्रक्शन ढहाने वाले जेट डिमोलिशन (Jet Demolitions) को जोड़ा है. अधिकारियों के मुताबिक, पास की एटीएस ग्रीन्स विलेज और अन्य सोसायटियों के निवासियों को भी टेस्ट ब्लास्ट के बारे में आगाह किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अगस्त में नोएडा के सेक्टर 93 ए में स्थित इन टावर्स को गिराने का आदेश दिया था. इन टावर्स को बनाने के लिए निर्माण की न्यूनतम दूरी की आवश्यकता का उल्लंघन किया गया. कोर्ट ने कहा था कि इन्हें बनाने के लिए यूपी अपार्टमेंट अधिनियम के तहत आवश्यक व्यक्तिगत फ्लैट मालिकों की सहमति भी नहीं ली गई थी. शीर्ष कोर्ट ने 17 जनवरी को नोएडा प्राधिकरण के इसे ढहाने के लिए आवश्यक एक्शन प्लान को मंजूरी दी