जल्द मिलेगी 5G नेटवर्क की स्पीड, किया गया सफल परीक्षण, केंद्रीय मंत्री ने किया…वीडियो कॉल पढिए

नई दिल्ली: देश के मोबाइल मार्केट को नई गति मिलने वाली है। दरअसल गुरुवार को 5G नेटवर्क का सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने 5G नेटवर्क का इस्तेमाल कर वीडियो कॉल भी किया। बताया जा रहा है कि 5G टेस्ट बेड को टोटल 8 इंस्टीट्यूट ने मिलकर डेवलप किया है।



इसे IIT मद्रास के नेतृत्व में डेवलप किया गया है। इस संबंध में केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में जानकारी दी।

मिली जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट में IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बाम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर आफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलाजी (CEWiT) शामिल हैं।

डेवलप करने में आई 250 करोड़ की लागत

हाल ही में सरकार की ओर से ये जानकारी दी गई थी कि इस प्रोजेक्ट को डेवलप करने में 220 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आई है। ये टेस्टबेड इंडियन इंडस्ट्री और स्टार्टअप के लिए सपोर्टिव इकोसिस्टम को एनेबल करेगा। टेलीकॉम मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई थी कि इस साल के अंत तक 5G टेक्नोलॉजी को तैयार कर लिया जाएगा।

आपको बता दें कि ट्राई की स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के माध्यम से हुई थी। दूरसंचार पर कंट्रोल के लिए इसकी स्थापनी की गई थी। अभी PD Vaghela TRAI के चेयरमैन हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई को 5G टेस्टबेड को लॉन्च किया था। 5G टेस्टबेड देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री और स्टार्टअप को सपोर्ट करेगा। इसके अलावा ये उनके प्रोडक्ट्स, प्रोटोटाइप और सॉल्यूशन को पांचवें जेनरेशन में वैलिडेट करेगा। पीएम ने टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सिल्वर जुबली समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ये स्वदेश निर्मित टेस्टबेड लॉन्च किया था।

नरेंद्र मोदी ने 5 G टेस्टबेड लॉन्च करने के बाद इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम बताया था। पीएम मोदी ने कहा था कि अगले 15 साल में 5G नेटवर्क से देश की अर्थव्यवस्था को 450 बिलियन डॉलर तक की वृद्धि मिलेगी।

उन्होंने कहा कि हमने गरीब से गरीब के हाथ तक मोबाइल पहुंचाने पर जोर दिया। इसके लिए देश में ही मोबाइल फोन बने, इस तरफ ध्यान दिया गया और इसका नतीजा ये हुआ कि आज देश में मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की संख्या दो से बढ़कर आज 200 पहुंच गई है।

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