आज के सियासी दौर में शहरों और रेलवे स्टेशनों का नाम बदलना आम बात हो गई है. कुछ लोग नाम बदलने के इस चलन को सही बताते हैं तो कुछ की इस पर नाराजगी है. कई लोग नाम बदलने की आलोचना भी करते हैं लेकिन राजस्थान के एक शहर में गलियों के बदले जा रहे नाम की हर कोई तारीफ कर रहा है.
बेटियों के नाम पर गली का नाम
खराब लिंगानुपात के लिए हमेशा से बदनाम रहे राजस्थान में समाज की सोच बदलने के लिए एक अनोखा कदम उठाया जा रहा है. यहां के बूंदी शहर के नैनवां रोड के वार्ड 49 में 10-12 हजार की आबादी वाली इंद्रा कॉलोनी की सभी प्रमुख 7 गलियों के नाम बदले गए हैं. अच्छी बात ये है कि इन गलियों के नाम अब काॅलोनी की ही किसी न किसी बेटी के नाम पर रखे गए हैं.
बेटियों को मिले प्राथमिकता
कॉलोनी की 25 बच्चियों को चुन कर यहां के बड़े-बुजुर्ग लोगों की राय के साथ इनमें से 7 बच्चियों के नाम को फाइनल किया गया. इसके बाद एक से 10 साल की इन बच्चियों के नाम पर गली का नाम रखा गया. इस संबंध में पार्षद टीकम जैन बताया कि हर पार्षद अपने वार्ड में काम कराने के लिए मिले 5-5 लाख रु. के बजट से सातों मार्गों पर गेट बनवाए हैं, जो बूंदी-खटकड़ स्टेट हाईवे से जुड़े हैं.
इसके बाद इन गेट पर बोर्ड लगाकर बेटियों के नाम लिखे गए हैं. ऐसा करने के पीछे ये मकसद है कि बेटियों को प्राथमिकता मिले और बेटे-बेटी के बीच का फर्क मिटे.
पहले ये थे ना
गलियों के ये नाम कुछ इस तरह हैं पूर्णिमा मार्ग, अक्षिता मार्ग, कीर्तिका मार्ग, सृष्टि मार्ग, भाविनी मार्ग, अनुप्रिया मार्ग और अंजली मार्ग. इससे पहले इन गलियों को भटनागर वाली गली, सरदारजी के स्कूल की गली, तेजाजी के मंदिर के सामने वाली गली, सदरू की चक्की वाली गली जैसे नाम से जाना जाता था