कभी ऑटो चलाते थे एकनाथ शिंदे….दो बेटों की मौत के बाद छोड़ दी थी राजनीति…. जानिये कौन हैं एकनाथ शिंदे…जो बन रहे हैं मुख्यमंत्री

मुंबई. भाजपा ने एक बेहद चौकाने वाले फैसले के तहत एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दे दिया। अब से कुछ देर बाद एकनाथ शिंदे नये मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। एकनाथ ने महाराष्ट्र में जिस तरह का तख्तापलट किया, इसके बाद लगातार लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं। आइये जानते हैं एकनाथ शिंदे के बारे मे..



एकनाथ शिंदे 1980 के दशक में शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे के प्रभाव में आकर शिवसेना में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्हें किसान नगर का शाखा प्रमुख नियुक्त किया गया। तभी से वह पार्टी के सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों में सबसे आगे रहते थे। एकनाथ शिंदे साल 2004 में ठाणे विधानसभा से चुनाव लड़ा था और भारी बहुमत से जीत हासिल की थी।

इससे पहले वो साल 1997 में उन्हें शिवसेना ने ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का टिकट दिया था और जीत दर्ज की। 2001 में वह ठाणे नगर निगम में सदन के नेता के रूप में चुने गए और 2004 तक इस पद पर बने रहे थे। बात उस वक्त की है जब शिंदे पार्षद हुआ करते थे।

इस दौरान उनका परिवार सतारा गया हुआ था। यहां एक हादसे में उन्होंने अपने 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा को खो दिया था। बोटिंग करते हुए एक्सीडेंट हुआ और शिंदे के दोनों बच्चे उनकी आंखो के सामने डूब गए थे। 2004 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने शिंदे को ठाणे विधानसभा सीट से टिकट दिया।

यहां भी शिंदे को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के मनोज शिंदे को 37 हजार से अधिक वोट से मात दी। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में शिंदे ठाणे जिले की कोपरी पछपाखडी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे। देवेंद्र फडणवीस सराकर में शिंदे राज्य के लोक निर्माण मंत्री रहे।

उस वक्त शिंदे के दूसरे बेटे श्रीकांत सिर्फ 13 साल के थे। श्रीकांत इस वक्त कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना सांसद हैं। इस घटना के बाद शिंदे काफी टूट गए थे। उन्होंने राजनीति तक से किनारा कर लिया था। इस दौर में भी आनंद दिघे ने उन्हें संबल दिया और सार्वजनिक जीवन में फिर से लेकर आए।

साल 2005 में शिवसेना ठाणे जिला प्रमुख के प्रतिष्ठित पद पर एकनाथ शिंदे को नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्होंने साल 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल किए।

साल 2014 के चुनावों के बाद एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता और बाद में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। इसके बाद राज्य सरकार में शामिल होने के बाद शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक उपक्रम) मंत्री के रूप में शपथ ली।

इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली। सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से आने वाले एकनाथ शिंदे ने ठाणे शहर में आने के बाद 11वीं कक्षा तक मंगला हाई स्कूल और जूनियर कालेज, ठाणे से पढ़ाई की। 2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे ने जो हलफनामा दिया था उसके अनुसार उनके ऊपर कुल 18 आपराधिक मामले चल रहे हैं।

इनमें आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने, गैरकानून तरीके से इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा होना, सरकारी कर्मचारी के आदेशों की अवहेलना करने जैसे आरोप हैं। इस हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल 11 करोड़ 56 लाख से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 2.10 करोड़ से ज्यादा की चल और 9.45 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति घोषित की गई थी।

छह कारें और एक टैम्पो भी है शिंदे के पास
चुनावी हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल छह कारें हैं। इनमें से तीन शिंदे के नाम और तीन उनकी पत्नी के नाम पर हैं। शिंदे की पत्नी के नाम पर एक टैम्पो भी है।

शिंदे की छह कार के जखीरे में दो इनोवा, दो स्कॉर्पियो, एक बोलेरो और एक महिंद्र अर्मडा है। शिंदे के पास एक पिस्टल और एक रिवॉल्वर भी है।

कॉन्ट्रैक्टर हैं शिंदे और उनकी पत्नी
चुनावी हलफनामे में शिंदे ने खुद को कॉन्ट्रैक्टर और बिजनेसमैन बताया है। उनकी पत्नी भी कंस्ट्रक्शन का काम करती हैं। शिंदे ने विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी, घरों से आने वाले किराये और इंटरेस्ट  से होने वाली कमाई को अपनी आय का स्त्रोत बताया है।

साल 2005 में शिवसेना ठाणे जिला प्रमुख के प्रतिष्ठित पद पर एकनाथ शिंदे को नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्होंने साल 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल किए।

साल 2014 के चुनावों के बाद एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता और बाद में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। इसके बाद राज्य सरकार में शामिल होने के बाद शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक उपक्रम) मंत्री के रूप में शपथ ली।

इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली। सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से आने वाले एकनाथ शिंदे ने ठाणे शहर में आने के बाद 11वीं कक्षा तक मंगला हाई स्कूल और जूनियर कालेज, ठाणे से पढ़ाई की। 2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे ने जो हलफनामा दिया था उसके अनुसार उनके ऊपर कुल 18 आपराधिक मामले चल रहे हैं।

इनमें आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने, गैरकानून तरीके से इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा होना, सरकारी कर्मचारी के आदेशों की अवहेलना करने जैसे आरोप हैं। इस हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल 11 करोड़ 56 लाख से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 2.10 करोड़ से ज्यादा की चल और 9.45 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति घोषित की गई थी।

छह कारें और एक टैम्पो भी है शिंदे के पास
चुनावी हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल छह कारें हैं। इनमें से तीन शिंदे के नाम और तीन उनकी पत्नी के नाम पर हैं। शिंदे की पत्नी के नाम पर एक टैम्पो भी है। शिंदे की छह कार के जखीरे में दो इनोवा, दो स्कॉर्पियो, एक बोलेरो और एक महिंद्र अर्मडा है। शिंदे के पास एक पिस्टल और एक रिवॉल्वर भी है।

कॉन्ट्रैक्टर हैं शिंदे और उनकी पत्नी
चुनावी हलफनामे में शिंदे ने खुद को कॉन्ट्रैक्टर और बिजनेसमैन बताया है। उनकी पत्नी भी कंस्ट्रक्शन का काम करती हैं। शिंदे ने विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी, घरों से आने वाले किराये और इंटरेस्ट  से होने वाली कमाई को अपनी आय का स्त्रोत बताया है।

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