भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) के शोधकर्ताओं ने बताया है कि अरुणाचल प्रदेश के अंजाव ज़िले में 109 साल के बाद दोबारा एक दुर्लभ पौधे की खोज हुई है जिसे कई बार ‘इंडियन लिपस्टिक प्लांट’ भी कहा जाता है। इस पौधे (एसकेनैन्थेस मोंटेरिया डन) की सबसे पहले पहचान ब्रिटिश वनस्पतिशास्त्री स्टीफन ट्रॉयटे डन ने 1912 में की थी।









